देश के हाल ही में लद्दाख की गालवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए टकराव के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। इस घटना के बाद से ही लगातार चीन के प्रोडक्ट को ना इस्तेमाल करने के लिए प्रोटेस्ट किए जा रहे हैं। वहीं सरकार भी बॉयकॉट चाइना की मुहिम को शुरू कर चुकी है। आपको बता दें हाल ही में चीन की एक वाहन निर्माता कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स (Great Wall Motors) ने महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया था। जिसके निवेश पर महाराष्ट्र सरकार ने रोक लगा दी है।

इस बात का निर्णय केंद्र सरकार के परामर्श से लिया गया है। इस विषय पर बात करते हुए उद्योग मामलों के मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि “विदेश मंत्रालय ने चीनी कंपनियों के साथ किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने की सलाह दी है।” यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ऑटोमोटिव सेक्टर में ग्रेट वॉल मोटर्स काफी बड़ा निवेश करने वाला था। इस निवेश योजना के तहत कंपनी महाराष्ट्र में करीब 7,600 करोड़ रुपये का अलग अलग चरणों में निवेश करने की योजना बना रही थी। जिससे करीब 3 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिलने की संभावना थी।।

इस एमओयू के अनुसार कंपनी तालेगांव, महाराष्ट्र में अपने ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी को और भी बेहतर बनाएगी। हालांकि इस वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से हुए करार में ग्रेट वॉल मोटर्स इंडियन सब्सायडरी के प्रेसिडेंट जेम्स यांग, मैनेजिंग डायरेक्टर पार्कर शी, चीनी राजदूत सुन वेइदॉन्ग, महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल थें। कंपनी ने इन सभी लोगों की उपस्थिति में महाराष्ट्रक के तालेगाँव में निवेश की घोषणा की थी। जिसे अब रोक दिया गया है।

बता दें, इस चीनी कंपनी ने इस साल ऑटो एक्सपो के दौरान अपने व्हीकल लाइनअप को पेश किया था। जिसमें कपंनी की एसयूवी, सिडान से लेकर इलेक्ट्रिक कारें भी शामिल थी। वहीं बीते जनवरी में ग्रेट वॉल मोटर्स ने अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स के साथ प्लांट के अधिग्रहण के लिए एक एग्रीमेंट पर साइन किया था।