कार खरीदना एक व्यक्ति के जीवन का बड़ा फैसला होता है, खासतौर पर तब जब आप लोन पर कार खरीदना चाहते हैं, क्योंकि तब इसके एक्सपर्ट फाइनेन्सियल की जरूरत पड़ती है। जानकार मानते हैं कि जब भी कार लोन पर ली जाए तो लोन से संबंधित सभी पहलुओं और विकल्पों पर नजर रहनी चाहिए। बाजार में अधिकांश ऋणदाता 7 से 8 साल तक के लिए कार लोन देते हैं। जैसे भारतीय स्टेट बैंक 7 सालों के लिए कार लोन प्रदान करता है। जानकारों का मानना है कि अपनी ईएमआई को ध्यान में रखते हुए इतनी लम्बी अवधि के बजाय छोटी अवधि के लिए कार लोन लेना ज्यादा फायदेमंद होता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 8 लाख रुपये का लोन लेते हैं, तो 4 वर्ष के कार लोन के लिए ईएमआई 20,099 रुपये होगी, जबकि 8 वर्ष के कार लोन के लिए ईएमआई 11,929 रुपये होगी। जो 8 वर्ष की अवधि के मुकाबले लगभग आधा हो जाता है। 4 साल के कार लोन पर दिया गया ब्याज तकरीबन 1.64 लाख रुपये बनता है, जबकि 8 साल के कार लोन पर चुकाये जाने वाला ब्याज 3.45 लाख रुपये आता है। चूंकि, जितना ज्यादा समय कार लोन को चुकाने में लगेगा उस पर उतना ही ब्याज भी बढ़ेगा। इसलिए भले ही ईएमआई ज्यादा हो, मगर इसे चुकाने की अवधि कम होनी चाहिए।
कार लोन की अवधि इसलिए भी कम होनी चाहिए क्योंकि छोटे लोन पीरियड की तुलना में लम्बे पीरियड पर ली जाने वाली ब्याज दरें अधिक होती हैं। इसके अलावा यदि कार मालिक अपनी कार को 5 साल बाद बेचता है और उसकी लोन अवधि 7 से 8 साल है तो बेचने के बाद भी कार पर बकाया लोन चुकाना परेशानी का कारण बन जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि उधारकर्ताओं को ध्यान देना चाहिए कि कार निर्माता कंपनी आमतौर पर 8 साल की वारंटी नहीं देते हैं, इसलिए, कार खरीदने के शुरुआती कुछ वर्षों के बाद ईएमआई के साथ-साथ अतिरिक्त रखरखाव का खर्च बढ़ जाता है।
