Choose Best Motor Insurance Policy: भारत में मोटर वाहन एक्ट, 1988 के मुताबिक कोई भी कार मालिक अगर बिना मोटर इंश्योरेंस के कार चलाता है तो यह एक दण्डनीय अपराध है। मोटर इंश्योरेंस आपको किसी भी अनहोनी के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।

बीते 1 अक्टूबर से देश भर में नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद लोग तेजी से व्हीकल इंश्योरेंस के प्रति जागरूक हुए हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में Motor Insurance से जुड़ी कुछ खास बाते बताएंगे, जिन पर अमल कर के आप एक बेहतर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं और बचत भी कर सकते हैं।

1. कार का मॉडल: सबसे पहले तो आपको ध्यान देना होगा गाड़ी के मॉडल पर, ज्यादातर मामलो में आप जितने उंचे वैरिएंट को ख़रीदने जायेंगे आपकी इंश्योरेंस वैल्यू कम होती जाएगी। क्योंकि हाई वैरिएंट में वाहन निर्माता ज्यादा से ज्यादा सेफ्टी फीचर्स देते हैं जो कि आपके इंश्योरेंस के प्रीमियम को कम कर देते हैं। आज कल के वाहनों में एयरबैग्स, इमोबिलाइज़र, सेंट्रल लॉकिंग जैसे फ़ीचर्स मिलना आम बात हैं।

2 इंश्योरेंस के प्रकार: वाहन इंश्योरेंस आमतौर पर दो तरीके के होते है, पहला रेगुलर कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी और दूसरा जीरो डेप्रिसिएशन। रेगुलर पॉलिसी की बात करे तो इसमे आपको वाहन के क्षतिग्रस्त होने पर लगने वाले खर्च का कुछ हिस्सा खुद वहन करना होता है। वहीं दूसरी ओर जीरो डेप्रिसिएशन में आपके वाहन में होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई इंश्योरेंस कंपनी द्वारा की जाती है। इसलिए, अगर आप अपनी कार का रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं तो आपको जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी में फायदा है, और दूसरी तरफ अगर आप कार का कम इस्तेमाल करते हैं तो आपको रेगुलर पॉलिसी का भी चयन कर सकते हैं।

3. इंश्योरेंस पॉलिसी add-on: इंश्योरेंस कंपनियां तरह-तरह के पॉलिसी एड-ऑन देती हैं, सही ऐड ओन्स के चयन से आपके इंश्योरेंस का कवर बढ़ जाता है। जैसे कि इंजन (हाइड्रोस्टेटिक लॉक) में पानी भरना, वाहन का चोरी होना या अन्य किसी तरह के नुकसान की दशा में कंपनी द्वारा दिए जाने वाले एड-ऑन आपकी मदद करते हैं। इसलिए हमेशा अपने ड्राइविंग रूटीन के आधार पर पॉलिसी एड-ऑन का चुनाव करें।

4. एंटी थेफ्ट: अगर आपकी कार में सेंट्रल लॉकिंग, इमोबिलाइज़र जैसे एंटी थेफ्ट फीचर्स हैं जो इंश्योरेंस कंपनियां आपके फायदे के लिए कई तरह के शर्तें रखती हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपके वाहन में जो सेफ्टी फीचर्स हों वो एंटी-थेफ्ट इक्विपमेंट ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) द्वारा प्रमाणित होने चाहिएं। यदि ऐसा नहीं होगा तो आप इस टर्म के योग्य नहीं होंगे।

5. इंश्योरेंस कंपनी का चयन: अपनी कार के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले अलग अलग कंपनियों के प्लान और स्कीम का गहनता से अध्यन करें। इसके लिए आप अपने सहयोगियों और मित्रों से बात कर सकते हैं, या फिर आप ऑनलाइन भी अलग अलग कंपनियों के पॉलिसी के बारे में जानकारी एकत्र कर सकते हैं।

नोट: इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते और खरीदते समय ऊपर कही गयी बातों का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है, यह आपको सुरक्षित रखने में और आपकी मेहनत की कमाई को बचाने में सहायक होगा।