भारत में 1 अप्रैल यानी आज से नए उत्सर्जन मानक बीएस6 लागू होने जा रहे हैं। नए नियम के लागू होने के साथ ही देश में अब BS6 ईंधन को लेकर भागदौड़ शुरू हो गई है। बता दें, देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC) ने घोषणा की है कि उसने अपने सभी 28,000 पेट्रोल पंपों पर BS6 पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति शुरू कर दी है, और इसी के साथ इंडियन ऑयल भारत में अपने पेट्रोल पंपों पर बीएस6 ईंधन की आपूर्ति करने वाली पहली कंपनी बन गई है।
बता दें, जनवरी 2020 तक इंडियन ऑयल देश भर में अपने भंडार टर्मिनलों के 80 प्रतिशत ईंधन को Bs4 से BS6 में बदल दिया है। IOC ने नए उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए लगभग 17,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ध्यान हो कि BS4 मानदंड अप्रैल 2017 से लागू हुआ था। बीएस4 की तुलना में बीएस 6 ईंधन में 5 गुना कम सल्फर सामग्री होती है। वहीं 1 अप्रैल 2020 से भारत में केवल बीएस6 वाहनों की बिक्री होगी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के चलते बीएस4 वाहनों की ब्रिकी की तारीख को लॉकडाउन के बाद 10 दिन के लिए बढ़ा दिया है।
भारत इन दिनों कोरोनावायरस के चलते बंद है, जिसका असर सभी उद्योगों पर पड़ा रहा है। इस वायरस के चलते कई वाहन कंपनियों ने अपने प्लांट को बंद करने की भी घोषणा की है। वहीं कुछ दिन पहले, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि मौजूदा स्थिति के कारण BS4 वाहनों की बिक्री को 31 मई तक बढ़ाया जाए। हालांकि कोर्ट ने इस समय सीमा को सिर्फ लॉकडाउन के 10 दिनों बाद तक के लिए बढ़ा दिया है।
बता दें, इन नए मानकों के लागू होने से करीब 40 डीजल कारों और Suv को भारतीय बाजार में बैन कर दिया जाएगा। क्योंकि वर्तमान में वाहन निर्माता कंपनियां पेट्रोल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर फोकस कर रही हैं। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी सहित कई कार निर्माता कंपनियों ने BS6 डीजल वाहनों की बिक्री ना करने का फैसला किया है।