Brijmohan Lall Munjal Birthday Special: जब भी देश के प्रमुख उद्योगपतियों का नाम आता है तो मुंजाल ग्रूप का जिक्र जरुर होता है। वर्ष 1923 में वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब के जिला टोबा टेक सिंह के कमालिया में जन्में बृजमोहन लाल मुंजाल ने अपने जुनून के बदौतल साइकिल के स्पेयर पार्ट के व्यापार में कदम रखा और आज दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी Hero Motocorp को खड़ा कर दिया। देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में किसी क्रांतिकारी की तरह परिवर्तन लाने वाले बृजमोहन लाल मुंजाल का आज जन्मदिन है।
आज से तकरीबन 75 साल पहले बृजमोहन लाल मुंजाल ने अपने तीन भाईयों के साथ पाकिस्तान छोड़कर अमृतसर आ गए थें। यहां पर उन्होनें साइकिल के स्पेयर पार्टस का कारोबार शुरु किया। समय के साथ कारोबार में तरक्की हुई और उन्होनें सन 1954 में हीरो साइकिल्स लिमिटेड की स्थापना की, इसके दो साल बाद पंजाब सरकार ने सइकिल बनाने का लाइसेंस जारी कि जो कि मुंजाल की कंपनी को मिल गई।
यहीं से देश में एक नए कारोबारी परिवार का उदय हुआ। बताया जाता है कि उस वक्त सरकार द्वारा महज 6 लाख रुपये की मदद और व्यक्तिगत पूजी से साइकिल निर्माण का कारोबार शुरू किया। साइकिल का कारोबार तेजी से चल निकला, उस वक्त तक देश के तकरीबन हर घर में हीरो की साइकिल पहुंचने लगी थी।
Hero Cycles 1975 तक देश की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन चुकी थी। इतना ही नहीं, सन 1986 में हीरो साइकिल का नाम गिनीज़ बुक में भी दर्ज हुआ और इसे दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी के रूप में पहचान मिली। बताया जाता है कि मुंजाल अपने साथी कारोबारियों जैसे डीलर्स, सप्लायर इत्यादि से हमेशा एक परिवार की तरह संबंध बनाकर रखते थें।
टू-व्हीलर बाजार में पहला कदम: साइकिल की दुनिया में बुलंद परचम लहराने के बार Hero Cycles ने टू-व्हीलर कंपनी की शुरुआत की जिसे हीरो मैजेस्टिक के नाम से जाना जाता था। ये कंपनी शुरूआती दौर में मैजेस्टिक स्कूटर व मोपेड बनाती थी। इसके बाद कंपनी ने 1984 में जापान की दिग्गज दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी Honda के साथ हाथ मिलाया और यहीं से दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी के सफर की शुरुआत हुई।
जापानी कंपनी के साथ हाथ मिलाने के बाद नई कंपनी Hero Honda Motors Ltd की स्थापना हुई और इस कंपनी ने 13 अप्रैल 1985 में हीरो-होंडा की पहली बाइक CD 100 को लांच किया। हीरो और होंडा का ये साथ देश की धड़कन बनाकर प्रचारित किया गया और ये कंपनी देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बनी।
हीरो होंडा ने आगे चलकर कई दोपहिया मॉडलों को बाजार में पेश किया। बीते साल 2002 तक कंपनी ने 86 लाख से ज्यारा हीरो होंडा बाइक्स की बिक्री कर ली थी, इस दौरान कंपनी के प्लांट में हर रोज तकरीबन 16,000 से ज्यादा बाइक्स का निर्माण होता था।
Hero Motocorp की शुरूआत: तकरीबन 27 सालों तक हीरो और होंडा ने एक साथ कई बाइक्स को लांच किया लेकिन अब बदलाव की हवा चल चुकी थी। अगस्त 2011 में दोनों कंपनियां अलग हो गईं और यहीं से नई कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की शुरुआत हुई। कंपनी ने स्वतंत्र रुप से पहली बाइक के तौर पर हीरो इंपल्स को लांच किया। दोनों कंपनियों के अलग होने के बाद हीरो मोटोकॉर्प को ये अधिकार मिल गया कि वो अपने वाहनों को उन देशों में भी निर्यात कर सकता था जहां पर होंडा का कारोबार पहले से था। इसका कंपनी को बड़ा फायदा मिला। अब कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बन चुकी है।
हीरो साइकिल से लेकर हीरो मोटोकॉर्प तक का ये सफर बृजमोहन लाल मुंजाल ने बड़े ही संजीदगी से तय किया। उनके करीबी बताते हैं कि जब हीरो और होंडा के बीच अलगाव का दौर आया उस वक्त उनकी उम्र तकरीबन 87 साल की हो चुकी थी। लेकिन इस उम्र में भी उनके भीतर किसी युवा जैसा जोश था। कारोबार की मांग को देखते हुए वो इस उम्र में भी कंपनी के हर बैठक में हिस्सा लेते थें। उन्होनें दोनों कंपनियों को एकसाथ रखने की कई कोशिश की लेकिन जब उन्हें लगा कि अलग होना ही एकमात्र विकल्प है तो उन्होनें भावुकता का दामन छोड़ दिया।
आखिरकार होंडा से अलग होने का फैसला लेने के बाद उन्होनें अपने लोगों से कहा कि, “हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहो, सबसे अच्छी तकनीक का इस्तेमाल करो और हमेशा आगे की सोचते हुए बढ़ो”। निसंदेह बृजमोहन लाल मुंजाल का ये जोश और जुनून ही था जो साइकिल के स्पेयर पार्ट से लेकर आज दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बनने का गौरव मुंजाल ग्रूप को मिला। समय के साथ हालात बदलें और 1 नवम्बर 2015 को 92 साल की उम्र में बृजमोहन लाल मुंजाल का निधन हो गया।