आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश में तकरीबन 2 प्रतिशत तक मोटर इंश्योरेंस फर्जी हैं। ऐसा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के जानकारों द्वारा बताया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में फर्जी मोटर इंश्योरेंस के कई मामले सामने आये हैं। ऐसे में यदि आपने भी हाल में इंश्योरेंस करवाया है या फिर करवाने की सोच रहे हैं तो इस बात की तस्दीक जरूर कर लें कि कहीं आपका इंश्योरेंस फेक तो नहीं है। तो आइये जानते हैं कि आप किस तरह से फर्जी इंश्योरेंस को पहचान सकते हैं और आपको किन बातों पर ध्यान रखना चाहिएं।
1. मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, विश्वसनीय संसाधनों के माध्यम से इसे खरीदने का प्रयास करें। विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि आप पॉलिसी खरीदते समय आपको कुछ छूट या अन्य ऑफर्स मिल रहे हैं तो हो सकता है कि आपका प्रीमियम कम हो जाए। लेकिन कई बार आप फ्राड के भी शिकार हो सकते हैं। यदि आप ऑनलाइन पॉलिसी खरीद रहे हैं तो कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही खरीदें।
2. किसी भी तरह के पॉलिसी को खरीदने के लिए चेक या फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ही प्रयोग करें। किसी भी व्यक्ति के नाम पर कभी भी चेक न दें, चेक को हमेशा इंश्योरेंस कंपनी के ही नाम से बनाएं। इसके अलावा ऑनलाइन पॉलिसी खरीदते समय आधिकारिक वेबसाइट का इस्तेमाल करें और ट्रांजेक्शन के समय देखें कि उक्त वेबसाइट का गेट वे है वो विश्वसनीय है या नहीं। इसके लिए आप एड्रेस बार पर दिए गए लॉक बटन को देखें। यदि वहां ‘नॉट सिक्योर’ लिखा है तो भूलकर भी ट्रांजेक्शन न करें।
3. इंश्योरेंस पॉलिसी को वेरिफाई करना न भूलें। यदि आप किसी अन्य वेबसाइट से पॉलिसी खरीद रहे हैं तो उक्त पॉलिसी के लिंक को आप कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट से वेरिफाई जरूर करें। इसके अलावा आप कंपनी के कस्टमर केयर से भी इस बारे में एक बार बात करें और पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी लें।
4. पॉलिसी खरीदने से पहले पॉलिसी के अस्तित्व की जांच करें। आपको बेची जा रही पॉलिसी भारत में स्वीकृत सामान्य बीमा कंपनियों में से किसी एक से होनी चाहिए। IRDAI वेबसाइट पर, आप लाइसेंस प्राप्त संस्थाओं के बारे में उनके विवरण के साथ पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विशेषज्ञ का सुझाव है कि आप देश के लाइसेंस प्राप्त संस्थाओं से ही पॉलिसी खरीदें। इसके अलावा यदि कीमत में बहुत अंतर न हो तो सीधे बीमा कंपनी से ही पॉलिसी खरीदना बेहतर माना जाता है।
5. पॉलिसी खरीदते समय आपको पॉलिसी की वास्तविकता की जांच करना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि धोखेबाज और घोटालेबाज बीमा कंपनी के पॉलिसी की एक मिनट में कॉपी बना सकते हैं। और आपको नकली पॉलिसी बेच सकते हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन या फिर कस्टमर केयर से पूरी तस्दीक करें। इसके अलावा आप बीमाकर्ता के पंजीकृत शाखा कार्यालय में जाकर भी आपको जारी किए गए पॉलिसी दस्तावेज को प्रमाणित कर सकते हैं।
6. यदि आप टेक-सेवी हैं, यानी की बहुत ही सहजता से तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो आप पॉलिसी को सत्यापित करने के लिए QR कोड का उपयोग भी कर सकते हैं। IRDAI ने कुछ साल पहले बीमा कंपनियों के लिए वाहन बीमा पॉलिसी पर एक QR कोड प्रिंट करना अनिवार्य कर दिया है, जिससे बीमाधारक को अपनी बीमा पॉलिसी की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में मदद मिलेगी। भारत में दिसंबर 2015 के बाद खरीदी गई मोटर बीमा पॉलिसियों में आम तौर पर एक क्यूआर कोड होता है। आप अपने स्मार्टफोन पर एक क्यूआर कोड रीडिंग ऐप का उपयोग करके, आप इस कोड को स्कैन कर सकते हैं, जो स्टेटस के साथ एक वेब पेज और आपकी पॉलिसी का पूरा विवरण देगा।
इस तरह महज कुछ बातों पर गौर कर के आप मोटर इंश्योरेंस लेते समय किसी भी तरह के फ्रॉड से आसानी से बच सकते हैं। ध्यान रखें मोटर बीमा करवाते समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और रिटर्न टू इनवाइस एड ऑन खरीदना न भूलें। इससे आपको वाहन के डैमेज होने या चोरी होने की स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा पूरी रकम मिलने में सहायता मिलेगी।