Upcoming Bajaj Pulsar NS200: देश की प्रमुख दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो घरेलु बाजार में अपनी लोकप्रिय स्पोर्ट बाइक Pulsar NS200 को नई तकनीक और इंजन के साथ लांच करने जा रही है। नए पल्सर में कंपनी फ्यूल इंजेक्शन टेक्नोलॉजी और BS-6 इंजन का इस्तेमाल करेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कंपनी नए पल्सर को इस साल फेस्टिव सीजन में लांच कर सकती है।

कंपनी पल्सर को नए मानकों के अनुसार तैयार कर रही है। इसमें 199.5cc की क्षमता का सिंगल सिलिंडर युक्त इंजन का प्रयोग किया गया है। मौजूदा मॉडल में कंपनी लिक्विड कूल्ड कार्बोरेटेड इंजन का प्रयोग कर रही है। बता दें कि, ओवरसीज मार्केट में बजाज ऑटो पहले से ही फ्यूल इंजेक्टेड बाइक्स की बिक्री कर रही है, अब इसे भारतीय बाजार में भी उतारा जाएगा।

ओवरसीज मार्केट में जो पल्सर मौजूद हैं उसमें कंपनी ने 199.5 सीसी की क्षमता का 4 वाल्व युक्त SOHC इंजन का प्रयोग करती है। तो कि बाइक को 24.13 hp की पावर और 18.6 Nm का टॉर्क प्रदान करता है। वहीं भारतीय बाजार में मौजूदा मॉडल केवल 23.17 hp की ही पावर जेनरेट करता है।

हालांकि अभी इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है लेकिन ऐसी उम्मीद है कि कंपनी नए पल्सर में कुछ ग्राफिक्स में भी बदलाव कर सकती है। इसके अलावा इस बाइक में सिंगल चैनल एबीएस को भी शामिल किया जाएगा, जो कि नए सेफ्टी मानकों के अनुसार होंगे। मौजूदा मॉडल की कीमत 1.12 लाख रुपये है लेकिन नए फीचर्स और तकनीक को शामिल किए जाने के बाद नए पल्सर की कीमत में मामूली इजाफा हो सकता है।

क्या होती है फ्यूल इंजेक्शन तकनीक: वाहनों में दो तरह के इंजन का प्रयोग किया जाता है एक होता है कार्बोरेटेड सिस्टम और दूसरा होता है फ्यूल इंजेक्शन टेक्नोलॉजी वाला इंजन। फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम वाले इंजन में जब फ्यूल भरा जाता है तो वो इस सिस्टम में लगे सभी सिलिंडर में फ्यूल को बराबर मात्रा में सप्लाई करता है। इसके लिए इसमें कई अलग अलग इंजेक्टर लगे होते हैं। फिर ये हवा को ECU (इलेक्ट्रोनिक कंट्रोल यूनिट) चेंबर में भेजता है। इसके बाद इलेक्ट्रोनिक कंट्रोल यूनिट फ्यूल को इंजेक्ट करने का सिग्नल देता है और ईंधन का प्रवाह शुरू हो जाता है।

कैसे है फायदेमंद: जिन गाड़ियों में फ्यूल इंजेक्शन तकनीक का इस्तेमाल होता है उनकी परफॉरमेंस और माइलेज कार्बोरेटर इंजन से बेहतर होती है। चूकिं इसमें सभी सिलिंडर में ईंधन बराबर मात्रा में सप्लाई होती है तो ये कर्बोरेटेड इंजन की तुलना में कम ईंधन में ही इंजन को चालू कर देता है। इसके अलावा लगातार और सीमित मात्रा में फ्यूल इंजेक्ट होने के नाते इंजन को ज्यादा समय तक चालू रखता है।