भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो को एक ग्राहक के पिज्जा ऑर्डर कैंसिल करना भारी पड़ गया। जोमैटो पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है और यह रकम ग्राहक को देने होंगे। साथ ही ग्राहक के लिए खाना भी मुफ्त में देने या फिर खाने का पैसा देने का भी आदेश दिया गया है। Zomato द्वारा ऑर्डर को रद्द करने और नियमों के उल्लंघन को लेकर यह आदेश जारी किया गया है।
चंडीगढ़ के रहने वाले और जोमैटो के ग्राहक अजय शर्मा ने चंडीगढ़ के स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि जोमैटो ने उनके कैंपेन का उल्लंघन कर पिज्जा ऑर्डर कैंसिल कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि “Zomato उपयोगकर्ताओं को अब उनके खाने की गारंटी समय पर दिया जाए या उनके पैसे वापस किए जाएं।”
शर्मा के अनुसार, उन्होंने रात 10:15 बजे Zomato ऐप का उपयोग करते हुए पिज्जा का ऑर्डर दिया और लगभग 287 रुपए का भुगतान किया। उन्होंने ‘समय पर डिलीवरी’ की लागत का भुगतान किया। हालांकि ज़ोमैटो ने रात 10:30 बजे ऑर्डर रद्द कर दिया और रिफंड का प्रॉसेस शुरू कर दिया है। TOI के अनुसार, शर्मा ने कहा कि जब ज़ोमैटो ने ‘समय पर या मुफ्त’ सर्विस के लिए 10 रुपए अतिरिक्त चार्ज किया था, तो उनसे समय पर इसे वितरित करने की उम्मीद की गई थी।
इसके बाद उन्होंने स्वयं आदेश को रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जोमैटो की ओर से सेवा प्रदान करने में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार था, जिस कारण शिकायत की गई। वहीं अध्यक्ष न्यायमूर्ति राज शेखर अत्री और सदस्य न्यायमूर्ति राजेश के आर्य के आदेश में कहा गया कि यह जोमैटो की ‘समय पर या मुफ्त’ भोजन वितरण योजना का उल्लंघन है।
फोरम ने यह भी कहा कि ऐसे आकर्षक विज्ञापनों या अभियानों को प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए यदि उन्हें कंपनी द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता है। फोरम ने जोमैटो को ग्राहक को भुगतान करने और शर्मा को 30 दिनों के भीतर मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।