केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों व आर्थिक इकाइयों के असंगठित क्षेत्र में प्रवेश के संबंध में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन में तय सिफारिशों को बुधवार को अनुमोदित कर दिया। इसे अब संसद में पेश किया जाएगा। आइएलओ के सदस्य देशों के लिए ये सिफारिशें असंगठित मजदूरों और इकाइयों को संगठित या औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश करने की दिशा में सहूलियत के लिए हैं। इनका लक्ष्य कामगारों के बुनियादी अधिकार का सम्मान करना, सर्जनात्मकता को बढ़ावा देना, उपक्रमों का संरक्षण व उनकी वहनीयता बरकरार रखना और औपचारिक अर्थव्यवस्था में अच्छी नौकरी देना है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (आइएलओ) ने जून 2015 में जेनेवा में मंच के 104वें सत्र में इन सिफारिशों को मंजूरी दी थी। आइएलओ की सिफारिश के अनुमोदन के मामले में भारत पर कोई वित्तीय असर नहीं होगा। यह देश में हर कामगार पर लागू होगा। ज्ञान व सूचना के आदान-प्रदान के लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय, सीसीआइ और भारतीय कंपनी मामले संस्थान (आइआइसीए) के विदेशी संगठनों के साथ किए गए समझौतों को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी।
इन आठ समझौतों से ज्ञान व सूचना के आदान-प्रदान, तकनीकी सहयोग, अनुभव साझा करने व संबद्ध संगठनों के साथ प्रवर्तन सहयोग में सुविधा होगी। इन समझौतों के तहत कारपोरेट नियमन के क्षेत्र में कंपनी संचालन व सीएसआर, लेखांकन के पेशे व कारपोरेट खुलासा व रिपोर्टिंग शामिल हैं। एमओयू के क्रियान्वयन की निगरानी कंपनी संचालन व सीएसआर पर एक द्विपक्षीय कार्यसमूह करेगा। इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कंपनी मामलों के मंत्रालय व नीदरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने किए हैं।
सीसीआइ के रूसी महासंघ के संघी एकाधिकार-रोधी सेवा, आस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा व उपभोक्ता आयोग, यूरोपीय आयोग के प्रतिस्पर्धा महानिदेशालय व कनाडा के प्रतिस्पर्धा कार्यालय के साथ भी समझौते किए गए हैं। आइआइसीए ने अमेरिका की जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन के इंस्टीट्यूट आफ डायरेक्टर्स और अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम के साथ समझौते किए हैं। सरकार ने सीमा हाट की स्थापना के लिए भारत व बांग्लादेश के बीच सहमति ज्ञापन को भी मंजूरी दे दी। इन सीमा हाटों से दोनों देशों की सीमाआें पर दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया जा सकेगा। इसके लिए स्थानीय उत्पादन की बाजारों में मार्केटिंग की परंपरागत प्रणाली स्थापित की जाएगी। इससे से समाज के सीमांत तबकों को जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 99 किलोमीटर मार्ग को चार लेन किए जाने की परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। दो राज्यों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के नगीना-काशीपुर खंड को चार लेन करने की मंजूरी दी गई। इस परियोजना से दोनों राज्यों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। इससे यातायात विशेष रूप से भारी यातायात के लिए समय और लागत की बचत हो सकेगी।
एचएमटी की घाटे में चल रही तीन इकाइयों- एचएमटी वॉचेज, एचएमटी चिनार वॉचेज और एचएमटी बेयरिंग्स को बंद करने का कैबिनेट ने फैसला किया है। इनके कर्मचारियों के लिए आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की पेशकश की गई है। इन कंपनियों की चल-अचल संपत्ति का निपटान सरकारी नीति के मुताबिक होगा।
मंत्रिमंडल ने गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनी मुद्रा लिमिटेड को मुद्रा बैंक में तब्दील करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित्त एजंसी (मुद्रा) योजना के तहत वितरित ऋणों पर गारंटी के लिए एक ऋण गारंटी कोष स्थापित करने की भी मंजूरी दी गई है। यह सिडबी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के तौर पर काम करेगा। मुद्रा (सिडबी) बैंक पुनर्वित्त कारोबार का परिचालन करेगा और सहायता सेवाएं देगा। ऋण गारंटी कोष से पहले चरण में सूक्ष्म व लघु इकाइयों को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की गारंटी दिए जाने की उम्मीद है। इस योजना के तहत ऋण वापसी में चूक होने पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का जोखिम कम करने में मदद मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने बैंकों के जरिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला श्रेणी के ढाई लाख उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना को मंजूरी दे दी। यह योजना भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के जरिए पुनर्वित्त पोषण उपलब्ध कराने वाली होगी। इसकी शुरुआती राशि 10,000 करोड़ रुपए होगी। ढाई लाख लाभान्वितों तक पहुंचने का लक्ष्य योजना की शुरुआत से 36 महीने में पूरा करना तय किया है।
सरकार ने सिंगापुर की सरकारी एजंसी के साथ उस करार को भी मंजूरी दे दी है जिसके तहत उसे अमदाबाद और जयपुर हवाई अड्डों का परिचालन और रखरखाव करना होगा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व सिंगापुर कोआपरेशन इंटरप्राइज ने पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान अमदाबाद और जयपुर हवाई अड्डों की योजना और विकास में सहयोग के लिए सहमति ज्ञापन पर दस्तखत किए थे। दोनों संगठन अन्य पहलुओं मसलन यातायात और व्यावसायिक विकास, सेवा गुणवत्ता और परिचालन व प्रबंधन पर भी सहयोग करेंगे।
मंत्रिमंडल ने भारत और बहरीन के बीच अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने संबंधी हुए समझौते को पूर्व की तिथि से मंजूरी दी है। दोनों देशों के बीच यह समझौता पिछले महीने हुआ था। इसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, विभिन्न देशों में संगठित अपराध और अवैध मादक पदार्थों व रसायनों की तस्करी से निपटने की बात कही गई है। यह समझौता दोनों देशों में अपराधों पर लगाम लगाने, जांच व अभियोजन से जुड़ा है।