कारोबारी अनिल अंबानी 2008 में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में छठवें पायदान पर थे। आज उनकी कंपनियां आर्थिक दुश्वारियों से जूझ रही है। इस बीच, अनिल अंबानी के लिए एक और बुरी खबर है। अब वह अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। मंगलवार को शेयर बाजार बंद होने पर अनिल अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस की कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटेलिाइजेशन करीब 5400 करोड़ रुपये बचा रह गया।

इससे पहले, सोमवार को बाजार बंद होने के बाद अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की 6 कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटेलाइजेशन करीब 6196 करोड़ रुपये था। चार महीने पहले यह आंकड़ा 8 हजार करोड़ रुपये का था। अनिल अंबानी अपनी छह कंपनियों- रिलायंस नेवल ऐंड इंजीनियरिंग, रिलायंस पावर, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और अब बंद हो चुकी रिलायंस कम्युनिकेशन में 75 फीसदी से कम हिस्सेदारी पर नियंत्रण रखते हैं। कंपनियों की मार्केट वैल्यू के आधार पर देखें तो अब उनके पास 1 बिलियन डॉलर से काफी कम ही संपत्ति बची है।

बता दें कि कर्ज चुकाने के लिए जूझ रहे अनिल ने अपनी कई कंपनियों में हिस्सेदारी भी बेची है। अनिल अंबानी ने पिछले मंगलवार को कहा था कि उनकी कंपनी ने बीते 14 महीनों में 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चुकाया है। अनिल ने यह भी वादा किया कि भविष्य में भी बाकी सारी देनदारियां वक्त पर निपटाई जाएंगी। इस बीच, अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के शेयर भी लगातार गिर रहे हैं। निवेशकों को ग्रुप की कंपनियों को निकट भविष्य में कोई खास राहत मिलती नजर नहीं आती। जानकार मानते हैं कि बीते 5 साल में अंबानी की दौलत में आई इस कमी की बड़ी वजह उनकी कंपनियों पर बढ़ता कर्ज का बोझ है।