वित्त मंत्री ने विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए पहला डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने, राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) को प्रगतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने, गिफ्ट सिटी में विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय स्थापित करने और वर्चुअल प्रयोगशालाओं एवं डिजिटल सामग्रियां तैयार करने की भी घोषणा की।
संसद में बजट 2022-23 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं और ‘आइसीटी फार्मेट’ में उपलब्ध कराया जाएगा। यह विश्वविद्यालय नेटवर्क आधारित ‘हब-स्पोक माडल’ पर बनाया जाएगा जिसमें हब भवन अत्याधुनिक ‘आइसीटी’ विशेषज्ञता से युक्त होंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालय और संस्थान ‘हब-स्पोक’ के नेटवर्क के रूप में में सहयोग करेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि इनमें से अधिकतकर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। हम अनुपूरक शिक्षा दिए जाने और शिक्षा के लिए आगे बढ़ने वाला तंत्र स्थापित करने की जरूरत को स्वीकार करते हैं। सीतारमण ने कहा कि महामारी से बाध्य होकर स्कूलों को बंद किए जाने के कारण हमारे बच्चे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों से आने वालों को लगभग दो वर्ष तक औपचारिक शिक्षा से वंचित होना पड़ा है।
भविष्य में शिक्षा के इस नुकसान से बच्चों को बचाने के लिए बजट में पीएम ई-विद्या के ‘एक कक्षा एक टीवी चैनल, कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्य 1-12 तक की कक्षा के छात्रों के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत अत्यंत महत्त्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने और रचनात्मकता को स्थान देने के लिए वर्ष 2022-23 में विज्ञान एवं गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और समकालिक शिक्षण परिवेश के लिए 75 कौशल ई-प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
सीतारमण ने कहा कि इंटरनेट, मोबाइल, फोन, टीवी, रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां बोली जाने वाली भाषा में उच्च गुणवत्ताप्रद ई-सामग्रियां तैयार की जाएंगी। उन्होंने बताया कि अध्यापकों को गुणवत्ताप्रद ई-सामग्री तैयार करने में पठन-पाठन के डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाने और सुसज्जित करने और बेहतर शिक्षण परिणाम प्राप्त करने के लिए एक प्रतिस्पर्धापरक तंत्र की स्थापना की जाएगी। शहरी योजना डिजाइन में भारत केंद्रित ज्ञान विकसित करने का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) अन्य संस्थाओं में शहरी योजना से संबंधित पाठ्यक्रमों में सुधार लाने, गुणवत्ता बढ़ाने और पहुंच कायम करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘डिजिटल इकोसिस्टम फोर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड- द डीईएसएच- स्टेक ई-पोर्टल’ शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों को इस प्रकार सशक्त बनाना है कि वे आनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कौशल का विकास कर सकें। इसके तहत एपीआइ आधारित विश्वसनीय कौशल मान्यता प्रदान की जाएगी और उसी के अनुसार भुगतान भी किया जाएगा जिससे कि नागरिक रोजगार और उद्यमितापरक अवसर का लाभ प्राप्त कर सकें। सीतारमण ने कहा कि विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के माध्यम से ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा प्रदान करने और ड्रोन-एएस-ए-सर्विस (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्यों के चुनिंदा आइटीआइ संस्थानों में कौशल विकास के लिए अपेक्षित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।