किसे हुआ फायदा
स्वास्थ्य क्षेत्र : इस बार के बजट में सबसे अधिक फायदे में रहा स्वास्थ्य क्षेत्र, जिसे 2.38 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया। स्वास्थ्य बजट में 135 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। पहले यह बजट 94 हजार करोड़ रुपए था, जिसे बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपए किया गया है।
बुजुर्ग : बुजुर्गों को राहत मिली है। 75 साल के अधिक की उम्र के लोगों पर अब कोई कर नहीं लगेगा। हालांकि, शर्त यह है कि ये छूट उन्हें सिर्फ पेंशन पर दी जा रही है, ना कि बाकी किसी तरीके से हुए कमाई पर।
बैंकिंग और बीमा क्षेत्र : इस बार के बजट में बीमा क्षेत्र में 74 फीसद तक विदेशी पूंजी निवेश एलान किया गया है, जो पहले सिर्फ 49 फीसद था। इसके अलावा निवेशकों के लिए चार्टर बनाने का भी ऐलान किया गया है। इसके अलावा बैंकों का फंसा हुआ कर्ज दूर करने के लिए एक अलग से कंपनी बन रही है, जो इन फंसे हुए कर्ज को बैंकों से लेकर बाजार में बेचेगी। उम्मीद कि बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में ढेर सारी नौकरियां निकलेंगी।
किसे नुकसान
नौकरीपेशा : ये बजट सबसे खराब रहा नौकरीपेशा के लिए। काफी समय से इस बजट से उम्मीद की जा रही थी कि इसमें धारा 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ सकती है और साथ ही 2.5 लाख रुपए तक की कमाई पर मिलने वाली छूट के भी बढ़ने की उम्मीद थी।
ये उम्मीद इसलिए भी की जा रही थी, क्योंकि पिछले करीब सात सालों से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। आखिरी बार जुलाई 2014 में इस कर छूट की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया गया था और धारा 80सी के तहत निवेश पर तक छूट की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए की गई थी।
आम आदमी : तमाम चीजों पर उत्पाद शुल्क और सरचार्ज लगने की वजह से मोबाइल समेत कई चीजें महंगी होनी हैं। आम आदमी के लिए ये बजट निराशाजनक रहा।
महिलाएं : उम्मीद की जा रही थी महिलाओं को और मजबूत करने की कोशिश की जाएगी, लेकिन बजट भाषण में महिलाओं पर वित्त मंत्री ने कुछ भी नहीं कहा।