Railway Budget 2019 Highlights: रेलमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि देश में रेल इंफ्रा के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में पीपीपी मॉडल पर जोर दिया जाएगा। पीपीपी के जरिये रेलवे का विकास किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से पैसे जुटाए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की योजना को साल 2019 से शुरू करेगी। इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-2030 के बीच रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इसे देकथे हुए रेलवे का पूंजी परिव्यय प्रतिवर्ष 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये है। सभी मंजूर परियोजनाओं को पूरा करने में कई दशक लग जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि तेज विकास और पटरियां बिछाने, रोलिंग स्टॉक विनिर्माण और यात्री, मालभाड़ा सेवाओं की सुपुर्दगी के लिए निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के इस्तेमाल का प्रस्ताव किया जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रेलवे की सब-अर्बन तथा लंबी दूरी वाले सेवाएं मुंबई जैसे शहर व छोटे शहरों में चमत्कारी कार्य कर रही हैं। रेलवे को दिल्ली मेरठ मार्ग पर प्रस्तावित रैपिडर रिजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) जैसी विशेष प्रायोजन साधन (एसपीवी) संस्थाओं के जरिये सब-अर्बन रेलवे में अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने ट्रांजिट हब के ईर्दगिर्द कॉमर्शियल एक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए ट्रांजिट उन्मुखी विकास का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘मैं अधिक पीपीपी इनिशिएटिव को बढ़ावा देकर और स्वीकृत कार्य के समापन को सुनिश्चित करने के मेट्रो रेल पहलों को बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं। हम 2022 तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पार्ट परियोजना पूरी कर लेंगे जो यात्री रेलगाड़ियों के लिए मौजूदा रेलवे नेटवर्क को मुक्त रखेगी।’
