वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश कर दिया। जिन लोगों ने इनकम टैक्स में राहत की आस लगा रखी थी, उन्हें केवल निराशा हाथ लगी। इनकम टैक्स स्लैब जस का तस रखा गया और न ही कोई राहत दी गई। बजट में प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) से जुड़े वित्त मंत्री के ऐलान पर एक नजर:
- अगर इनकम टैक्स रिटर्न या आईटीआर फाइल करते वक्त कर योग्य किसी आय का जिक्र करना भूल गए तो अतिरिक्त टैक्स देते हुए ‘अपडेटेड रिटर्न’ भरने का मौका दो साल तक मिलेगा। अभी अगर विभाग ऐसी कोई गलती पकड़ता है तो इसके बाद करदाताओं को काफी लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है।
- कोऑपरेटिव सोसायटीज से वसूला जाने वाला 18 फीसदी टैक्स अब कंपनियों से वसूले जाने वाले कॉरपोरेट टैक्स के बराबर, 15 फीसदी कर दिया गया है। कोऑपरेटिव सोसायटीज से वसूला जाने वाला सरचार्ज भी 12 से घटा कर 7 फीसदी किया गया है। यह फायदा उन्हें मिलेगा जिनकी आय एक करोड़ से ज्यादा और 10 करोड़ रुपए के भीतर हो।
- नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) टायर-1 में केंद्रीय सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी का 14 प्रतिशत योगदान देती है। कर्मचारियों की आय का हिसाब लगाते वक्त केंद्र सरकार इस रकम को नहीं जोड़ती है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के मामले में यह डिडक्शन 10 फीसदी है। अब इनके लिए भी टैक्स डिडक्शन लिमिट 14 प्रतिशत कर दिया गया है।
4.वर्चुअल डिजिटल असेट्स (क्रिप्टोकरेंसी आदि) से हुई आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। साथ ही इससे जुड़े पेमेंट ट्रांसफर पर एक फीसदी टीडीएस भी कटेगा।
- तलाशी और सर्वे के दौरान जो अघोषित आय सामने आएगी, वह किसी भी तरह के नुकसान आदि के एवज में समायोजित नहीं कराई जा सकेगी।
- अगर किसी दिव्यांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक उनके लिए बीमा पॉलिसी लेते हैं तो इसका पैसा दिव्यांग व्यक्ति माता-पिता या अभिभावक के जीवित रहते भी ले सकते हैं। इस पर कर-छूट का लाभ मिलेगा।
Income Tax के सवाल पर क्या बोलीं FM?: बजट पेश करने के बाद शाम करीब चार बजे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी टीम के साथ पत्रकारों के मुखाबित हुईं। इस दौरान एक जर्नलिस्ट ने उनसे टैक्स रीबेट को लेकर सवाल पूछ दिया। इस पर उन्होंने जवाब दिया- हमने टैक्स नहीं बढ़ाया है। एक भी पैसा अतिरिक्त टैक्स के जरिए कमाने की कोशिश नहीं की। पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्स का बोझ नहीं डालना। इस बार भी वही निर्देश थे।