Budget 2018: वित्त मंत्री इस बार बजट में टैक्स के नए नियम पेश कर सकते हैं। आम बजट 1 फरवरी को संसद में 11 बजे पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ही बजट पेश करेंगे। वित्त मंत्री लॉन्ग टर्म कैपिलट गेन टैक्स में बदलाव कर सकते हैं। सरकार अब शेयर बेचने पर भी लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिलट गेन टैक्स बदलाव सकती है। सरकार अभी शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) भी लगाती है। अभी 1 साल से कम समय में शेयर बेचने पर 15 फीसदी का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होता है।
इसके अलावा अभी अगर किसी संपत्ति को 3 साल से ज्यादा समय के बाद बेचा जाता है तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। वहीं अगर 3 साल से कम समय में बेचते हैं तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। जानकारों की मानें तो वित्त मंत्री लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का समय बढ़ा सकते हैं। अभी एक साल बाद किसी भी शेयर को बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। इस समय सीमा को बढ़ाकर 2 साल मतलब 24 महीने किया जा सकता है। वहीं 24 महीने से पहले बिकने वाले शेयर शॉर्ट टर्म के अंतर्गत आएंगे।
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कैपिटल गेन टैक्स: कैपिटल गेन टैक्स को जानने से पहले हमें यह समझना होगा कि कैपिटल गेन क्या है। कैपिटल गेन का मतलब होता है पूंजी लाभ। यानी कि किसी पूंजी से होने वाला फायदा। ये पूंजी आपका घर, संपत्ति, जेवर, कार, शेयर, बॉन्ड आदि कुछ भी हो सकता है। ऐसी किसी भी चीज को खरीदने के बाद बेचने से जो लाभ होता है, उसे कैपिटल गेन कहते हैं। इस कैपिटल गेन को सरकार आपकी इनकम का हिस्सा मानती है और इस पर टैक्स भी लेती है। इस प्रकार निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि किसी पूंजी यानी संपत्ति को बेचने पर होने वाले लाभ में जो टैक्स लगता है उसे कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं।