Budget 2025: देश का आम बजट आज पेश होने जा रहा है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर सभी की नजर है। उम्मीद की जा रही है कि उनकी तरफ से कुछ ऐसे ऐलान किए जा सकते हैं जिनसे आम आदमी को राहत मिली, सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान आए और रोजगार में भी वृद्धि देखने को मिली। यहां जानते हैं कि इस समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने 5 सबसे बड़ी चुनौतियां क्या रहने वाली हैं-

चुनौती नंबर 1- महंगाई

पिछले कुछ महीनों में महंगाई ज्यादा देखने को मिली है। लोगों को ज्यादा दिक्कतें इसलिए हुई हैं क्योंकि खाने-पीने की चीजों से लेकर खाद्य तेलों और दूध की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। इस वजह से एक आम आदमी सीधी तरह से प्रभावित हुई है। जानकार मानते हैं कि खराब मौसम की वजह से दालों की कीमत में भी तेजी देखने को मिली है। उत्पादन खर्च बढ़ाने के नाम पर दूध की कीमतों को भी बढ़ाया गया है, ऐमें में अब महंगाई से त्रस्त आम आदमी को निर्मला कैसे राहत देंगी, यह देखना दिलचस्प रहेगा।

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चुनौती नंबर 2- विकास दर को बढ़ाना

इकोनॉमिक सर्वे ने जो तस्वीर पेश की है, उसके मुताबिक 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4% रह सकती है, कोरोना काल के बाद यह सबसे कम अनुमान है। जानकार मान रहे हैं कि 2024में क्योंकि आधारभूत ढांचे पर पूंजीगत खर्च में नरमी देखने को मिली, उसका सीधा असर जीडीपी पर भी पड़ा। लेकिन अगर अब आधारभूत ढांचे की परियोजनाओं पर बड़े स्तर पर खर्च किया जाएगा तो उससे विकास दर में फिर इजाफा देखने को मिल सकता है। इसी तरह अगर पूंजीगत व्यय को बढ़ाने पर सरकार जोर देगी तो उस स्थिति में भी रोजगार की नई संभावनाएं बन सकती हैं।

चुनौती नंबर 3- रोजगार को बढ़ाना

रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए चुनौतियां पिछले 10 सालों से जारी हैं, जितने वादे किए गए हैं, उसके अनुरूप रोजगार पैदा नहीं हो पाए हैं। कोरोना के बाद से देखा गया है कि कई प्रवासी मजदूर भी खेती की तरफ वापस लौटे हैं, उनका शहरों से जो पलायन कुछ सालों पहले हुआ था, अभी तक उनकी वापसी नहीं हो पाई है। इसका बड़ा कारण यह है कि महंगाई शहरों में ज्यादा है और नौकरियों की किल्लत तो चल ही रही है। निजी नौकरियों की बात करें तो मेहनत तो लोगों की अधिक चल रही है, लेकिन इनकम उतनी नहीं है, इसने भी सरकार के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। ऐसे में रोजगार को बड़े स्तर पर बढ़ाना जरूरी हो चुका है।

चुनौती नंबर 4- वेतन में धीमी बढ़ोतरी

देश में एक चिंताजनक ट्रेंड यह भी देखने को मिला है कि कॉरपोरेट जगत में कंपनियों का मुनाफा तो बढ़ा है, लेकिन वहां काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में उतना इजाफा देखने को नहीं मिलता। इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि महंगाई तो लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन लोगों की आमदनी उसके मुताबिक कम गति से बढ़ रही है। आंकड़े बताते हैं कि इंजीनियरिंग, विनिर्माण, प्रॉसेसिंग और बुनियादी ढांचा कंपनियों में मात्र 0.8% फीसदी वेतन में बढ़ोतरी हुई है। अब अगर आम बजट इस ट्रेंड को बदल सकता है तो यह लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत होगी।

चुनौती नंबर 5- आयकर में छूट

हर आम बजट से किसी भी मिडल क्लास को सबसे बड़ी उम्मीद यह रहती है कि क्या इनकम टैक्स में कमी देखने को मिलेगी, क्या छूट का दायरा बढ़ा दिया जाएगा। इस बार तो अब जानकार भी कह रहे हैं कि बढ़ती महंगाई के बीच में नौकरीपेशे आदमी को राहत देने के लिए आयकर में छूट का दायरा 10 लाख तक किया जा सकता है। संघ से जुड़े जो श्रमिक संगठन हैं, वो भी अब मांग करने लगे हैं कि आयकर का बोझ कुछ कम होना चाहिए। पिछले बजट ने इस मामले में लोगों को झटका दिया था, नाराजगी भी देखने को मिली थी, अब क्या यह गुड न्यूज मिलेगी या नहीं, यह देखना दिलचस्प रहेगा।