रेल बजट 2024-25 भारत के बड़े रेल नेटवर्क और रेल यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय रेलवे के लिए केंद्र सरकार ने वार्षिक वित्तीय प्रेजेंटेशन तैयार किया और राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए रणनीति बनाई गई है। यह बजट पिछले वित्तीय प्रदर्शनों की समीक्षा पर आधारित होगा।
रेल बजट 2024-25 में क्या-क्या होगा?
रेल बजट भारतीय रेलवे के लिए केंद्र सरकार का वार्षिक वित्तीय विवरण होता है। यह राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने और रेलवे नेटवर्क के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक्सपेंडिचर की रूपरेखा तैयार करता है। यह बजट पिछले वर्ष के वित्तीय प्रदर्शन की गहन समीक्षा पर आधारित होता है, जिसमें खर्च और राजस्व की जानकारी होती है। बजट में रेलवे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और संचालन के लिए आगामी वर्ष की आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
इस साल रेल बजट कौन पेश करेगा?
रेल बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।
रेल बजट की घोषणा कब होगी?
23 जुलाई 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 भाषण के दौरान रेल बजट की घोषणा की जाएगी। केंद्रीय बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू होगा।
रेल मंत्री कौन हैं?
अश्विनी वैष्णव ने मोदी सरकार में दूसरी बार 9 जून 2024 को रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।
क्या इस साल रेल बजट में यात्रियों के लिए टिकट की कीमतें कम होंगी?
फरवरी 2024 में भारतीय रेलवे ने टिकट की कीमतों को कोविड से पहले के स्तर पर ला दिया था। इससे पहले यात्रियों को पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करने के लिए एक्सप्रेस किराया देना पड़ता था। हालांकि आगामी बजट में ऐसी कोई कमी की उम्मीद नहीं है।
क्या वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन किराए में कोई कटौती होगी?
मार्च 2020 में भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को पहले दी जाने वाली ट्रेन किराए पर छूट बंद कर दी थी। इस निर्णय से महिला वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50% छूट और पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों के लिए 40% छूट खत्म हो गई। नतीजतन वरिष्ठ नागरिकों को अब अन्य सभी यात्रियों की तरह पूरा किराया देना होता है।हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल किराए में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन वंदे मेट्रो या वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में लागू होने वाले रेल किराए के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।
क्या इस साल कोई नई ट्रेन शुरू की जाएगी या मौजूदा रूट का विस्तार किया जाएगा?
इस साल बजट में यात्री क्षमता और सुरक्षा सुधार को प्राथमिकता दी जा सकती है। इसमें कोचों की संख्या बढ़ाना, मौजूदा ट्रेनों को अपग्रेड करना या नई वंदे भारत श्रेणियों (वंदे मेट्रो, चेयर कार, स्लीपर) पर ध्यान केंद्रित करना शामिल हो सकता है। हालांकि विशिष्ट मार्गों पर अधिक वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने या हाल ही में शुरू की गई नमो भारत ट्रेनों के विस्तार से संबंधित घोषणाएं हो सकती हैं।
क्या यात्रा समय कम करने और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए रेलवे बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने पर कोई ध्यान दिया जा रहा है?
यात्रा के समय को कम करने और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए रेलवे के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना हमेशा से भारतीय रेलवे का प्राथमिक उद्देश्य रहा है। प्रमुख पहलों में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन जैसी हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं को लागू करना शामिल है, जिसका उद्देश्य प्रमुख शहरों के बीच यात्रा की अवधि को काफी कम करना है। स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं में यात्रियों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने और सुविधाओं में सुधार करने, चढ़ने और उतरने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सुविधाओं का आधुनिकीकरण करना शामिल है। इसके अतिरिक्त डबल ट्रैकिंग और पटरियों के विद्युतीकरण के प्रयासों का उद्देश्य विशेष रूप से माल ढुलाई मार्गों पर ट्रेन की क्षमता और दक्षता को बढ़ाना है। माल यातायात को अलग करने के लिए समर्पित माल गलियारे विकसित किए जा रहे हैं, जिससे माल गाड़ियों की तेज़ आवाजाही सुनिश्चित हो सके।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन इस साल लॉन्च होगी?
मौजूदा अनुमानों से पता चलता है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना अगस्त 2026 में लॉन्च होने का लक्ष्य है। रेल बजट आम तौर पर आगामी वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2024 – मार्च 2025) के लिए आवंटन और योजनाओं पर केंद्रित होता है। हालांकि भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अंतरिम बजट में पर्याप्त धनराशि की वृद्धि की गई है। बुलेट ट्रेन परियोजना की देखरेख करने वाले नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन के लिए आवंटन को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 25,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जो पिछले वर्ष 18,592 करोड़ रुपये था। इस धनराशि का उपयोग संभवतः मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर निर्माण गतिविधियों को आगे बढ़ाने और परियोजना के लिए आगे की डिजाइन, इंजीनियरिंग और खरीद गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया जाएगा।
रेल बजट यात्रियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेगा?
पिछले साल हुई बड़ी रेल दुर्घटनाओं ने वास्तव में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र का ध्यान खींचा है। आगामी रेल बजट में इस बात को ध्यान में रखा जाएगा और उसके अनुसार आवंटन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। रेलवे ट्रैक पर कवच की स्थापना लागत (जिसमें स्टेशन उपकरण भी शामिल हैं) कथित तौर पर 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर है।
क्या अमृत भारत एक्सप्रेस, वंदे भारत स्लीपर और वंदे मेट्रो के लॉन्च के बारे में कोई घोषणा होगी?
आगामी बजट में नई ट्रेनों के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में भारत के रेल नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण विस्तार योजना का अनावरण किया था। उन्होंने 2,500 नए सामान्य यात्री ट्रेन कोचों के उत्पादन की घोषणा की थी। साथ ही अतिरिक्त 10,000 कोचों को मंजूरी दी थी। उन्होंने रेलवे संचालन में सेवा की गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वच्छता में सुधार के लिए चल रहे प्रयासों पर जोर दिया। अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि अतिरिक्त 50 अमृत भारत ट्रेनों के लिए उत्पादन शुरू हो गया है।
वित्त मंत्रालय रेल बजट तैयार करते समय किन बातों को ध्यान में रखता है?
वित्त मंत्रालय रेल बजट तैयार करते समय कई महत्वपूर्ण चीजों पर विचार करता है। मुख्य पहलुओं में बुनियादी ढांचे में निवेश, सुरक्षा और परिचालन सुधार के लिए उपलब्ध वित्तीय संसाधन शामिल हैं। नई लाइनें, विद्युतीकरण परियोजनाएं और स्टेशन आधुनिकीकरण जैसी बुनियादी ढांचे के विकास पर भी बजट में ध्यान रखा जाएगा।
रेलवे बजट का लक्ष्य देश में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में किस तरह योगदान देना है?
रेलवे बजट बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करके रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है। नई लाइनें और स्टेशन बनाने के लिए निर्माण श्रमिकों, इंजीनियरों और सामग्री और रेलगाड़ियों का उत्पादन करने वाले कारखाने के श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इससे विनिर्माण और इस्पात जैसे संबंधित उद्योगों को बढ़ावा मिलता है। बेहतर रेलवे नेटवर्क बाज़ारों को जोड़ता है, व्यवसायों के लिए परिवहन लागत कम करता है, और उपभोक्ताओं के लिए सस्ते सामान उपलब्ध कराता है। यह आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देता है और एक प्रतिस्पर्धी बाज़ार बनाता है।