Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया है। वैसे तो इस बजट में कई बड़े ऐलान हुए हैं, युवाओं और ग्रामीण भारत पर फोकस दिखा है, लेकिन सभी हैरान है कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में एक बार भी डिफेंस सेक्टर का जिक्र नहीं किया। अब जिक्र नहीं किया, तो इसका मतलब यह नहीं है कि बजट में इस सेक्टर को नजरअंदाज कर दिया गया है।
सैन्य हथियार खरीदने पर कितना खर्च?
इस बार के बजट में मोदी सरकार ने 6 लाख 29 हजार 940 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कहा जा सकता है कि जो अंतरिम बजट पेश किया गया था, उसी के आसपास ही सरकार ने इस बार भी अपना बजट रखा है। आंकड़े बताते हैं कि अंतरिम बजट की तुलना में डिफेंस बजट सिर्फ 0.064% बढ़ा है। हैरानी की बात यह है कि जिस समय देश को चीन से चुनौती मिल रही है, सीमा पर तनाव ज्यादा है, तब हथियार खरीद में कटौती देखने को मिली है।
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ट्रैक रिकॉर्ड क्या बताता है?
एक समझने वाली बात यह है कि भारत का जो रक्षा बजट है, उसमें 67.7 फीसदी तो सिर्फ सैलरी-पेंशन देने में निकल जात है। कुल बजट में इस बार डिफेंस को 12.9 फीसदी हिस्सा मिला है, पिछले साल तक यह 13 प्रतिशत था। एक और अहम पहलू यह है कि डिफेंस के अंदर तो कैपिटल बजट आता है, उसमें लगातार तीसरे साल गिरावट है। असल में कैपिटल बजट के जरिए ही तीनों सेनाओं के हथियार खरीदे जाते हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार कैपिटल बजट 5.7 फीसदी बढ़ा है, लेकिन पिछले साल 6.5 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया था।
पेंशन-सैलरी पर काफी खर्च
इसी तरह 2022 में तो 12 परसेंट का बड़ा इजाफा अकेले कैपिटल बजट में रहा था। ऐसे में आंकड़ों में तो जरूर लग रहा है कि जैसे पैसे ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जब पूरी तस्वीर देखी जाती है तो पता इस क्षेत्र में गिरावट आई है। अगर पेंशन की बात करें तो सरकार ने इस बार 1.41 लाख करोड़ रुपये इसके लिए रखे हैं, यह कुल डिफेंस बजट का 22.7 फीसदी है। पिछले बजट में यह आंकड़ा 1.38 लाख करोड़ था, ऐसे में यहां भी कुछ गिरावट आई है। वैसे एक तथ्य यह भी है कि पेंशन और दूसरे खर्च निकालने के बाद बजट का ज्यादा हिस्सा इंडियन आर्मी के पास गया है। वही तीनों सेनाओं को हथियार खरीदने के लिए कितना पैसा दिया गया है, इसका जिक्र बजट में तो नहीं हुआ है।
यूपीए बनाम एनडीए- तुलना
वैसे अगर यूपीए और एनडीए कार्यकाल की बात करें तो पता चलता है कि कांग्रेस के शासनकाल में रक्षा बजट 10 सालों के अंदर में 162 फीसदी तक बढ़ गया था। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद पिछले 10 सालों में रक्षा बजट 184% तक बढ़ चुका है।