संसद में गुरुवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 को पेश करते हुए विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित धन का पूरा विवरण रखा। इस दौरान वित्तमंत्री ने बताया कि मोदी सरकार आम जनता चाहे वह गरीब हों, किसान हों, व्यवसायी हों, नौकरी पेशा वाले हों या महिलाएं हों सभी के विकास को लेकर योजनाएं बनाती है। गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के विकास पर सरकार का खास तौर पर फोकस रहा है।

वित्तमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को दिए सबसे ज्यादा रुपये

बजट 2024 को पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि रक्षा मंत्रालय को 6.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को 2.78 लाख करोड़ रुपये, रेल मंत्रालय को 2.55 लाख करोड़ रुपये, उपभोक्ता, खाद्य और लोक वितरण मंत्रालय को 2.13 लाख करोड़ रुपये दिए गये हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय को 2.03 लाख करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.77 लाख करोड़ रुपये, रसायन और उर्वरक मंत्रालय को 1.68 लाख करोड़ रुपये, संचार मंत्रालय को 1.37 लाख करोड़ रुपये और कृषि, और किसान कल्याण मंत्रालय को 1.27 लाख करोड़ रुपये दिए गये हैं।

अलग-अलग योजनाओं के लिए भी किया गया धन का आवंटन

वित्तमंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREG) के लिए 86,000 करोड़ रुपये, आयुष्मान भारत-PMJAY के लिए 7,500 करोड़ रुपये, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना में 6,200 करोड़ रुपये, सेमी-कंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए संशोधित कार्यक्रम को 6,903 करोड़ रुपये, सौर ऊर्जा (ग्रिड) को 8,500 करोड़ रुपये और नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं।

अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनाना है। इसके लिए सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को मंत्र बनाकर काम कर रही है। सरकार की दृष्टि प्रकृति, आधुनिक बुनियादी ढांचे और सभी के लिए अवसरों के साथ समृद्ध भारत बनाना है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अगले वित्त वर्ष के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने वाला अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।

सीतारमण ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी। हालांकि 25,000 रुपये तक के छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया। एक घंटे से भी कम समय के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की उन उपलब्धियों को रखा जिससे देश ‘नाजुक अर्थव्यवस्था’ की श्रेणी से बाहर निकलकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।