Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का आम बजट पेश किया। सरकार की तरफ से इस बार सबसे ज्यादा फोकस स्वास्थ्य सेवाओं और बनियादी ढांचे पर किया गया जबकि, आयकर में छूट को लेकर मध्यम वर्ग को किसी तरह की कोई राहत नहीं दी गई। इस वक्त ढाई लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। साल 2014 में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने टैक्स में छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़कार ढाई लाख रुपये किया थ। 7 साल बाद मीडिल क्लास की तरफ से यह उम्मीद की जा रही थी कि इसे ढाई से बढ़ाकर 3 लाख करने की लेकिन मीडिल क्लास को इस मोर्चे पर नाकामी हाथ लगी है।
यही नहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.50 रुपये और डीजल पर 4 रुपये का कृषि सेस लगाने का ऐलान किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसका ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा…फिर भी भविष्य में ग्राहकों पर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
सरकार ने देश में बुनियादी अवसंरचना के सृजन के जरिए आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय को 34.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। चालू वित्त वर्ष के लिये पूंजीगत व्यय को 4.12 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से बढ़ाकर 4.39 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया गया है।
सीतारमण ने बजट भाषण में कहा, ‘‘2020-21 में पूंजीगत व्यय तेज किया गया है। हमने पूंजीगत व्यय के लिये 4.12 लाख करोड़ रुपये दिये थे। संसाधनों में कमी के बाद भी हमारा प्रयास रहा कि पूंजीगत व्यय को तेज करें। हम इस वित्त वर्ष में करीब 4.39 लाख करोड़ रुपये खर्च करने वाले हैं। हमने यह 2020-21 के लिये संशोधित बजट में यह प्रावधान किया है।’’’
वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिये पूंजीगत व्यय को और बढ़ाते हुए 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। यह 2020-21 के 4.12 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें से मैंने 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि आर्थिक मामलों के विभाग के लिये अलग रखा है। यह पूंजीगत व्यय के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले और जरूरतमंद विभागों को दिया जायेगा।’’
उन्होंने कहा कि इस व्यय से ऊपर सरकार राज्यों और स्वायत्त निकायों को व्यय के लिये दो लाख करोड़ रुपये से अधिक देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम बुनियादी संरचना के सृजन पर राज्यों को अधिक खर्च करने के लिये प्रेरित करने की विशेष व्यवस्था करने पर भी काम करेंगे।’’
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि देश में गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हुई है। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई। मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद। दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई।
वहीं वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों के लिए देशभर में एक देश-एक राशन योजना शुरू की है। उन्होने कहा कि एक पोर्टल की शुरुआत की जाएगी, जिसमें प्रवासी मजदूरों से जुड़ा डाटा होगा। वित्त मंत्री ने विधानसभा चुनाव वाले राज्य पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की घोषणा की। सीतारमण ने कहा “सड़क बुनियादी ढांचा को और बेहतर करने के लिये मार्च 2022 तक 8500 किमी सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं का आबंटन किया जाएगा।” वित्त मंत्री ने केरल में सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं के लिये 65,000 करोड़ रुपये तथा असम के लिये 3,400 करोड़ रुपये आबंटित किये।
यहां आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है
दी बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट योगेश सिंघल का कहना है, वित्तमंत्री ने दी ज्वेलरी इंडस्ट्री को राहत दी। कस्टम ड्यूटी 12.5% से घटाकर 10.75% किया। जिससे ग्राहक को मिलेगा तकरीबन 1000/- प्रति 10 ग्राम का फायदा होगा। दूसरी ओर, टैक्स अधिकारी 6 साल की जगह अब 3 साल के केस रीओपन कर सकेंगे, जिससे करदाता का शोषण कम होगा। 2 करोड़ के ऊपर टर्नओवर पर जीएसटी ऑडिट को भी समाप्त कर दिया गया हैं, जिससे व्यापारी का समय और पैसा दोनों बचेगा। आयकर की 5 करोड़ टर्नओवर के ऊपर ऑडिट की सीमा को बढ़ाकर किया 10 करोड़ बशर्ते 95% लेनदेन डिजिटल हो. कुल मिलाकर ज्वेलरी इंडस्ट्री के प्रति सरकार की सोच सकारात्मक है।
बजट का असर आज सर्राफा बाजार में सोने-चांदी के भाव पर भी पड़ा। सरकार ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया तो सोने की चमक फीकी पड़ गई। 24 कैरेट सोना 725 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया। वहीं चांदी के रेट में भारी तेजी देखी गई। चांदी हाजिर 3345 रुपये प्रति किलो की छलांग के साथ 73071 रुपये पर पहुंच गई। बता दें इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा जारी इस रेट और आपके शहर के भाव में 500 से 1000 रुपये का अंतर आ सकता है।
* सोना-चांदी
* इस्पात (स्टील)
* लोहा
* नायलॉन वस्त्र
* तांबे की वस्तुएं
* बीमा
* बिजली
* स्टील के बर्तन
* इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद
* मोबाइल फोन
* मोबाइल फोन चार्जर
* आयातित रत्न (कीमती पत्थर)
* चमड़े के जूते
* आयातित ऑटो पार्ट्स
* सिल्क उत्पाद
* पेट्रोल-डीज़ल
* सोलर सेल
सरकार ने सस्ते मकानों की खरीद के लिए आवास ऋण के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कर कटौती को एक साल और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक करने का ऐलान किया है। इस कदम से सुस्त पड़े रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में मदद मिल सकती है। सरकार ने 2019 के बजट में दो लाख रुपये से ऊपर डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती की घोषणा की थी। पहली बार और 45 लाख रुपये तक का मकान खरीदने वालों के लिए यह लाभ दिया गया।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, इस बजट में 16.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को मिलेगा। APMC सशक्त हो सकेंगे, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वहां खड़े हो सकेंगे, इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्टर फंड में APMC को शामिल किया गया है। कृषि सुधार बिलों की दृष्टि से जिन लोगों के मन में शंका है वो इस बजट से निर्मूल हो जानी चाहिए। इस बजट में MSP के प्रति प्रतिबद्धता भी जाहिर की है और APMC को सशक्त बनाने की दृष्टि से भी सरकार ने ध्यान रखा है।
उन वरिष्ठ नागरिकों को जिनकी आयु 75 वर्ष से ज्यादा है और उनकी आय का स्त्रोत सिर्फ पेंशन है उन्हें आयकर रिटर्न से छूट दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्तीय वर्ष 22 में केन्द्र सरकार 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2000 करोड़ का पैकेज ऐलान किया गया है। कोविड वैक्सीन के लिए इस साल 35 हजार करोड़ का आवंटन किया गया है।
बजट में सरकार ने किसानों के लिए जिस एग्री फंड (Agriculure Fund) का ऐलान किया है, उसको भरने के लिए कई चीजों पर एग्री सेस लगाने की व्यवस्था की गई है। सरकार की कोशिश है कि इस फंड में इतना धन जुटा लिया जाए जिससे दिक्कत के समय किसानों की पूरी मदद की जा सके।
सरकार ने कई चीजों पर कस्टम ड्यूटी को लेकर भी अहम फैसला लिया है। मोबाइल उपकरणों की कस्टम ड्यूटी 2.5 पर्सेंट बढ़ाई गई है। इससे आने वाले दिनों में मोबाइल महंगे हो सकते हैं। इसके अलावा सोने चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। यही नहीं स्टील पर ड्यूटी कम हुई है।
सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ विकास वित्त संस्थान गठित करेगी। स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को हटाया जाएगा। व्यक्तिगत उपयोग वाले वाहनों के लिये 20 साल बाद फिटनेस जांच का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा बजट में संभावित पुरानी ढांचागत संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के लिये राष्ट्रीय मौद्रीकरण कार्यक्रम और डिजिटल तरीके से पहली जनगणना के लिये 3,726 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
देश का बजट संसद में पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान वित्त मंत्री ने इस बजट की 2 सबसे बड़ी खासियतों के बारे में खुद बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 'यदि इस बजट की दो खासियतों की बात की जाए तो हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खास जोर दिया है। रोड, पावर जनरेशन, पुल और बंदरगाहों समेत तमाम चीजों पर हमने निवेश बढ़ाया है। इसके अलावा हेल्थकेयर सेक्टर पर हमने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि यह बजट ऐसे वक्त में आया है, जब हमने इकॉनमी को लेकर मजबूती दिखाई है। हमारा मानना है कि यदि हमने कुछ प्रयास किए और मांग बढ़ाने के लिए जरूरी उपाय किए तो रफ्तार देखने को मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में आधारभूत संरचना पर जोर दिया गया है और बजट से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है। इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पिछले छह साल में धान, गेहूं, दालों और कपास जैसी फसलों की खरीद कई गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। सभी जिंसों के लिये उत्पादन की लागत से कम से कम डेढ़ गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये एमएसपी व्यवस्था में व्यापक बदलाव किये गये हैं।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘किसानों से खरीद लगातार बढ़ रही है। इससे किसानों को किया जाने वाला भुगतान भी काफी बढ़ा है।’’ वित्त मंत्री ने जैसे ही कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया, विपक्षी सांसद तीनों हालिया कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने लगे।
इनकम टैक्स के सेक्शन 80EA के तहत अब छूट को 31 मार्च, 2022 तक लिए गए लोन पर लागू किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा होगा, मोबाइल और उसके चार्जर महंगे होंगे। स्टील और लोहे उत्पाद सस्ते होंगे। मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी का 2.5 प्रतिशत लगेगा।
सरकार ने सोमवार को कहा कि मुफ्त रसोई गैस एलपीजी योजना (उज्ज्वला) का विस्तार किया जाएगा तथा एक करोड़ और लाभार्थियों को इसके दायरे में लाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने सोमवार को इसकी घोषणा की। वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ईंधन की अबाधित आपूर्ति जारी रखी गयी। उन्होंने कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वहन क्षमता के नियमन की खातिर परिवहन प्रणाली आपरेटर (टीएसओ) की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण् में कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी गैस पाइपलाइन योजना की शुरुआत होगी। उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा। अभी तक 8 करोड़ लोगों को ये मदद दी गई। 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने अब इंश्योरेंस क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई की घोषणा की है। पहले यहां पर सिर्फ 49 फीसदी तक की ही इजाजत थी। इसके अलावा निवेशकों के लिए चार्टर बनाने का एलान भी किया है।
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2021-22 लिये विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा। सीतारमण ने कहा, सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का विनिवेश किया जाएगा, कानून में संशोधन को इस सत्र में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों की सार्वजनिक इकाइयों का विनिवेश किया जाएगा।
सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के लिये 2.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किये जाने की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोक सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले पांच साल के दौरान स्वच्छ भारत 2.0 अभियान को लागू किया जायेगा, जिसके लिये 1,41,678 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये 1.97 लाख करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की भी घोषणा की। यह योजना पांच साल के लिये है और यह चालू वित्त वर्ष से शुरू हो रही है। सीतारमण ने कहा कि इस प्रोत्साहन योजना के अतिरिक्त एक वृहद निवेश टेक्सटाइल्स पार्क की योजना भी शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 20 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ विकास वित्तीय संस्थान बनाने के लिये एक विधेयक पेश करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुफ्त रसोईं-गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की योजना उज्ज्वला के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा। शहरी गैस वितरण नेटवर्क के जरिए सीएनजी और रसोई गैस वितरण की सुविधा 100 और जिलों में उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में घोषणा की कि कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ दिये जाएंगे। इस दौरान नई बीमारियों पर फोकस होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का एलान किया। उन्होने कहा कि सरकार की ओर से इसके लिए 64180 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसी के साथ सरकार की ओर से स्थानीय मिशन को भारत में लॉन्च किया जाएगा। 64180 करोड़ नई स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च होंगे।
वित्त मंत्री ने विधानसभा चुनाव वाले राज्य पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की घोषणा की। सीतारमण ने कहा "सड़क बुनियादी ढांचा को और बेहतर करने के लिये मार्च 2022 तक 8500 किमी सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं का आबंटन किया जाएगा।" वित्त मंत्री ने केरल में सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं के लिये 65,000 करोड़ रुपये तथा असम के लिये 3,400 करोड़ रुपये आबंटित किये।
वित्त मंत्री ने कहा "सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ विकास वित्त संस्थान गठित करने के लिये विधेयक लाएगी। रेलवे मालगाड़ियों के लिये अलग से बनाये गये विशेष गलियारों को बाजार पर चढ़ाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि ढांचागत क्षेत्र की पुरानी संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के लिये योजना लायी जाएगी।
वित्त मंत्री ने 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के लिये 2.87 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ जल जीवन मिशन की घोषणा की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अलावा 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत का प्रस्ताव रखा। सीतारमण ने कहा "बजट प्रस्ताव स्वास्थ्य और जन कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी सहित छह स्तंभों पर आधारित हैं। "
स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की गई। पब्लिक हेल्थ की जानकारी के लिए वेबसाइट बनाई जाएगी। आत्मनिर्भर भारत 130 करोड़ लोगों की आकांक्षा है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस में हम साथ हैं। हम नेशन फर्स्ट, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, गुड गवर्नेंस, सबके लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण पर फोकस करेंगे। शहरी स्वच्छ भारत 2.0 की शुरुआत। मिशन पोषण 2. 0 की होगी शुरूआत।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार हेल्थ सेक्टर में खासा जोर दे रही हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बचाव, इलाज और अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया जा रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो देश में हालात और बुरे होते। उन्होंने कहा कि इकॉनमी में अब आपदा में अवसर ढूंढे जा रहे हैं। वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि देश में दो वैक्सीन उपलब्ध कराए जा चुके हैं, वहीं दो और नई वैक्सीन जल्द आ सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 2021-22 के बजट को मंजूरी दी गयी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में तुरंत बजट पेश करने वाली हैं। यह पहली बार है, जब 2021-22 का बजट छापा नहीं गया है। इसे इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में जारी किया जा रहा है।
ऑटो सेक्टर जीएसटी में कटौती की मांग कर रहा है। कोरोना के बाद लोगों ने पर्सनल व्हीकल को रखना शुरू किया है। जिसके चलते पहली बार गाड़ी खरीदने वालों की संख्या में काफी तेजी आई है। वर्तमान में व्हीकल पर लगभग 28 फीसदी का जीएसटी लगता है। ऑटो इंडस्ट्री की मांग है कि अगर इसे घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाता है तो मांग में जबरदस्त तेजी आएगी।
आम आदमी को महंगाई से राहत की उम्मीद के साथ जरूरी सामान के दाम कम होने, होम लोन, इनकम टैक्स में छूट, बजुर्गों को और सहूलियतें तथा ब्याज दर में बढ़ोतरी की आस लगी है। कारोबारी-व्यापारी वर्ग भी कोरोना वायरस के चलते मंद हुए व्यापार काे फिर से पटरी पर लाने के लिए जीएसटी में छूट की उम्मीद लगाए बैठा है।
बजट 2021-22 पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर संसद भवन पहुंचे। यहां कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है।
कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश होने से पहले सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए “सोच और क्रियान्वयन की गतिहीनता” से बाहर निकलकर लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और सार्थक परिणाम देने की चुनौती है । पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया,“क्या 'अधिकतम नारा, न्यूनतम काम' वाली सरकार बजट -2021 को लेकर भारत की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगी?” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “वित्त मंत्री के लिए ‘सोच और क्रियान्वयन की गतिहीनता’ से बाहर निकलकर लोगों को सार्थक परिणाम देने की चुनौती है।”