बजट 2016 को लेकर कॉरपोरेट जगत से लेकर आम लोगों तक को उम्‍मीद है। उम्‍मीद जताई जा रही है कि कॉरपोरेट टैक्‍स रेट की कटौती के अलावा वेतनभोगी कर्मचारियों को भी टैक्‍स में छूट दी जा सकती है। वित्‍त वर्ष 2015-16 में 60 साल की उम्र के नीचे के लोग या वे अविभाजित हिंदू परिवार, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपए तक है, उन्‍हें टैक्‍स देने की जरूरत नहीं है। वे लोग जो ढाई लाख से पांच लाख रुपए सालाना कमाते हैं, उन्‍हें 10 पर्सेंट की दर से टैक्‍स चुकाना पड़ता है। पांच से दस लाख रुपए कमाने वाले लोगों को 20 पर्सेंट के हिसाब से जबकि 10 लाख से ज्‍यादा सालाना आय वालों को 30 पर्सेंट के हिसाब से टैक्‍स चुकाना होता है।

टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव से जुड़ी इन चार संभावनाओं पर नजर डालते हैं

1.अगर सरकार टैक्‍स स्‍लैब में 50 हजार रुपए का इजाफा करती है
वित्‍त मंत्री ने फरवरी 2014 में वित्‍त वर्ष 2015 के लिए टैक्‍स स्‍लैब में 50 हजार रुपए का इजाफा किया था। अगर ऐसा ही वित्‍त मंत्री इस बार भी ऐसा ही करते हैं तो पांच लाख से एक करोड़ रुपए सालाना कमाने वाले साठ साल से कम उम्र वाले लोगों की एक झटके में 5150 रुपए सालाना बचत होगी। वे लोग, जो एक करोड़ सालाना से भी ज्‍यादा कमाते हैं, वे थोड़ा सा ज्‍यादा 5,665 रुपए साल भर में बचत करेंगे।

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2. अगर सरकार टैक्‍स स्‍लैब में 1 लाख का इजाफा करती है अगर वित्‍त मंत्री इस साल थोड़ी और दरियादिली दिखाते हुए सभी आय वर्गों के लिए टैक्‍स स्‍लैब में 1 लाख रुपए का इजाफा करते हैं तो नौकरीपेशा लोगों को ज्‍यादा राहत मिलेगी। 5 लाख से एक करोड़ तक के सालाना आय वाले 60 साल से कम उम्र वाले लोगों को साल में 10300 रुपए की छूट मिलेगी। जिन लोगों की सालाना आय एक करोड़ रुपए से ज्‍यादा है, उन्‍हें 11300 रुपए सालाना की बचत होगी। जानें इस हिसाब से इनकम टैक्‍स में किसे कितनी छूट Check income tax rate comparison table

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3. अगर सरकार ओरिजनल डीटीसी में सुझाए टैक्‍स रेट को अपनाती है
अगर वित्‍त मंत्री वर्तमान टैक्‍स रेट को 2009 के ओरिजनल डायरेक्‍ट टैक्‍स कोड के हिसाब से बदल देते हैं तो एक करोड़ रुपए से कम कमाने वाले लोग 1,96,730 रुपए सालाना तक बचा सकते हैं। तीन से पांच लाख के बीच कमाने वाले साल में 11,330 रुपए तक बचा सकते हैं। वे लोग जो आठ लाख सालाना कमाते हैं वे 21,630 रुपए साल भर में बचाएंगे। इससे ज्‍यादा कमाने वालों की बचत बढ़ती सैलरी के हिसाब से बढ़ती जाएगी। ओरिजिनल डीटीसी में 1.6 लाख रुपए सालाना तक कमाने वालों को कोई टैक्‍स देने का प्रस्‍ताव नहीं था। वहीं, 1.6 से 10 लाख सालाना कमाने वालों को 10 प्रतिशत, 10 से 25 लाख सालाना कमाने वालों को 20 प्रतिशत जबकि 30 लाख से ज्‍यादा कमाने वालों को तीस प्रतिशत दर के हिसाब से टैक्‍स देना होता।
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4. अगर सरकार डीटीसी पर स्‍टैंडिंग कमेटी के सुझाव के हिसाब से टैक्‍स रेट में बदलाव करती है अगर सरकार इस तरह से बदलाव करती है तो पांच लाख सालाना तक कमाने वाले वेतनभोगी कर्मचारी साल में 3090 रुपए, आठ लाख रुपए तक कमाने वाले 36050 रुपए और दस लाख सालाना वेतन पाने वाले 56650 रुपए की बचत करते। डीटीसी पर स्‍टैंडिंग कमेटी ने 2010 में सुझाया था कि तीन लाख सालाना तक कमाने वाले पर कोई टैक्‍स न लगे। 3 से दस लाख रुपए तक कमाने वाले पर 10 प्रतिशत, 10 से 20 लाख तक कमाने वाले 20 प्रतिशत जबकि तीस लाख सालाना से ज्‍यादा कमाने वाले तीन प्रतिशत के हिसाब से टैक्‍स देते। Check income tax rate comparison table

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