कभी मैनचेस्टर आफ ईस्ट कहे जाने वाले औद्योगिक शहर कानपुर के उद्यमियों और व्यापारियों ने आज पेश हुये आम बजट पर गहरी निराशा जाहिर करते हुए सवाल किया कि ‘‘क्या यही थे अच्छे दिन ?’’
कानपुर के पूर्व सांसद और केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पीटीआई से कहा कि इस बजट से आम आदमियों और वेतन भोगी कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं होगा बल्कि इससे बड़े उद्योगपतियों और कॉरपोरेट घरानों को खुश करने की कोशिश की गयी है ।
उन्होंने कहा कि बजट में सर्विस टैक्स बढ़ाने से आम आदमी को रोजमर्रा की जरूरतों के लिये अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी ।
उन्होंने मोदी सरकार के चुनावी स्लोगन ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का जिक्र करते हुए कहा कि जनता के तो नहीं, लेकिन कॉरपोरेट सेक्टर के अच्छे दिन जरूर आ गये हैं।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील वैश्य ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें लघु उद्योगों के बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्विस टैक्स बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान कानपुर के पान मसाला क्षेत्र को होगा जो कानपुर के उद्योग की रीढ़ है।
सर्विस टैक्स बढ़ने से आम आदमी और छोटे व्यापारियों की कमर भी टूट जायेगी ।