सरकार ने सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के बेनिफिशियरी और पैनल में शामिल अस्पतालों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक्स-सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS) के पैनल में शामिल हेल्थकेयर ऑर्गनाइज़ेशन के लिए बदले हुए CGHS रेट लागू करने की जानकारी दी है, जो 15 दिसंबर 2025 से लागू होंगे।
ये बदलाव 2025 में रीइंबर्समेंट रेट को आसान बनाने, पेंशन लेने वालों और सरकारी कर्मचारियों के लिए सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाने और यह पक्का करने के लिए एक बड़े कदम का हिस्सा हैं कि अस्पताल अपडेटेड स्टैंडर्ड का पालन करें।
नए सरकारी ऑर्डर में क्या कहा गया है?
- पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों के साथ सभी मौजूदा एग्रीमेंट 15 दिसंबर को कैंसल हो जाएंगे यानी अस्पतालों को CGHS/ECHS के तहत सर्विस देना जारी रखने के लिए डिजिटल तरीके से फिर से अप्लाई करना होगा।
-लागू होने के 90 दिनों के अंदर एक बदले हुए मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर साइन करना होगा। - अस्पतालों को 15 दिसंबर से पहले एक अंडरटेकिंग देनी होगी, जिसमें यह कन्फर्म किया जाएगा कि वे नए रेट और शर्तों से सहमत हैं।
- अगर अस्पताल अंडरटेकिंग जमा नहीं कर पाता है, तो उसे अपने आप डी-पैनल कर दिया जाएगा।
- 8th Pay Commission Update: कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग? तारीख पूछने पर सरकार की तरफ से आया ये जवाब
क्यों है ये बदलाव जरूरी?
काफी लंबे समय से CGHS रेट में बदलाव की मांग बेनिफिशियरी और हॉस्पिटल दोनों की लंबे समय से रही है। कई पैनल वाले हॉस्पिटल ने शिकायत की थी कि पुराने रीइंबर्समेंट रेट बढ़ते मेडिकल खर्च के हिसाब से नहीं थे। दूसरी ओर बेनिफिशियरी ज्यादा साफ बिलिंग नियम, अनुमानित खर्च और सर्विस देने से मना करने पर बेहतर जवाबदेही चाहते थे।
अब अस्पतालों को क्या करना होगा?
- एम्पैनलमेंट पोर्टल पर लॉग इन करें।
- डॉक्यूमेंट जमा करें और बदली हुई शर्तों को स्वीकार करें।
- 90 दिनों के अंदर नए एग्रीमेंट पर साइन करें।
ऐसा न करने का मतलब है ऑटोमैटिक डी-पैनलमेंट, जिससे लाखों CGHS और ECHS बेनिफिशियरी का एक्सेस कट जाएगा।
CGHS बेनिफिशियरी को क्या मिल सकता है फायदा
- बेनिफिशियरी को अपडेटेड ट्रीटमेंट पैकेज की बेहतर अवेलेबिलिटी मिल सकती है।
- अपडेटेड एग्रीमेंट के साथ कैशलेस और रीइंबर्समेंट प्रोसेस के आसान होने की उम्मीद है।
2025 में CGHS से जुड़े हुए कई अपडेट
पेंशन लेने वालों के लिए कैशलेस इलाज
ज्यादा प्रोसीजर और कार्डियक/ऑन्कोलॉजी से जुड़े इलाज कैशलेस सुविधा के तहत लाए गए है।
पेपरलेस ऑथराइजेशन को मजबूत किया गया
देरी कम करने के लिए रेफरल सिस्टम को और ऑनलाइन किया गया।
अस्पतालों के लिए ज्यादा पेनल्टी के नियम
पैनल में शामिल सुविधाओं को सर्विस देने से मना करने के खिलाफ चेतावनी दी गई; बार-बार नियम तोड़ने पर अब लंबे समय के लिए ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
