8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें कब से लागू होंगी? देशभर के सरकारी कर्मियों और पेंशनभोगियों को इस बात का इंतजार है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने यूनियन बजट 2025 भाषण में नए वेतन आयोग के रोडमैप का ऐलान करेंगी। और 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन व सैलरी बढ़ाने के लिए सिफारिशें लागू करने से जुड़ी जानकारी देंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, बजट भाषण में वित्त मंत्री ने आठवें वेतन आयोग का जिक्र नहीं किया।
आठवें वेतन आयोग का जिक्र बजट भाषण में किए जाने की उम्मीदें इसलिए भी ज्यादा थीं क्योंकि जनवरी 2024 में ही आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया गया था। और कहा गया था कि जल्द ही पैनल मेंबर्स की नियुक्ति भी की जाएगी। इस पैनल में 2 सदस्य व एक चेयरमैन होंगे। इस पैनल द्वारा केंद्र सरकार को अगले साल की शुरुआत में सिफारिशें देने की उम्मीद है। मौजूदा सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को खत्म हो रहा है। और खबरें हैं कि 1 जनवरी 2026 से नए वेतन आयोग को लागू किया जा सकता है।
बता दें कि वित्त मंत्री के भाषण में आठवें वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं था और ना ही इस बजट में पैसे के एलोकेशन या इसके लागू होने से जुड़ी कोई घोषणा की गई।
अब रिपोर्ट्स में पता चला है कि नया पे पैनल आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों के लिए एक और साल का वक्त ले सकता है।
अगले वित्तीय वर्ष से लागू होंगी 8th Pay Commission की सिफारिशें?
2025-26 के यूनियन बजट में 8वें वेतन आयोग के किसी खर्चे का जिक्र नहीं किया गया है। पे पैनल की सिफारिशें आने और अप्रूव होने में कम से कम एक साल का वक्त लग सकता है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में Expenditure Secretary मनोज गोविल के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने आयोग के संदर्भ की शर्तों पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) से सुझाव मांगे हैं, जिनकी आयोग को अपना काम शुरू करने से पहले औपचारिक मंजूरी की आवश्यकता होगी।
बता दें कि इससे पहले भी वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें जमा करने से पहले एक साल से ज्यादा का वक्त लगता रहा है। सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट फाइनलाइज़ करने और सरकार को सौंपने में 18 महीने से ज्यादा का समय लिया।
अधिकारी ने जो कहा है और बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग का कोई उल्लेख नहीं है, इस आधार पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अगले वित्तीय वर्ष में नए वेतन पैनल की सिफारिशों की उम्मीद करनी चाहिए।
आठवें वेतन आयोग से सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ
8वें वेतन आयोग के लागू होने के कारण केंद्रीय खजाने पर वित्तीय बोझ, पैनल की सिफारिशों पर निर्भर करेगा, जो कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों के लिए वेतन और पेंशन संशोधन तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर का उपयोग करेगी।
कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन फिटमेंट फैक्टर पर आधारित
उम्मीद है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन रिवीजन के लिए 1.92 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर तय कर सकती है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय किया जाता है तो सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 51,480 रुपये होगी जबकि मौजूदा न्यूनतम सैलरी से 18000 रुपये है। इसी तरह, पेंशनभोगियों की पेंशन 9000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक हो सकती है।
वेतन और पेंशन बढ़ोतरी की कैलकुलेशन, फिटमेंट फैक्टर को पिछले न्यूनतम वेतन या पेंशन राशि से गुणा करके की जाती है।