भारत में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा झटका लगा है। पिछले साल सेमीकंडक्टर को बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में इसके निर्माण के लिए वेंदाता के साथ करार किया था लेकिन अब कंपनी इससे पीछे हट गई है। पिछले साल ही वेदांता और फॉक्सकॉन ने गुजरात में करीब डेढ़ लाख करोड़ के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाने का ऐलान किया था।

फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ रद्द किया करार

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार फॉक्सकॉन ने एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी वेदांता की पूरी तरह से मालिकाना हक वाली कंपनी से अपना नाम हटाने को लेकर कार्य कर रही है। कंपनी वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। फॉक्सकॉन ने कहा कि अब कंपनी का वेदांता के साथ कोई कनेक्शन नहीं है और ओरिजिनल नाम को लेकर पहले से कंफ्यूजन हो रहा था, जिसके बाद कंपनी ने यह फैसला किया है।

इसके अलावा फॉक्सकॉन ने कहा कि भारत के सेमीकंडक्टर डेवलपमेंट को लेकर हमे पूरा भरोसा है। हम भारत सरकार के मेक इन इंडिया को पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं और शेयरहोल्डर्स की जरूरतों को देखते हुए आगे से पार्टनरशिप करेंगे।

बता दें कि 13 सितंबर को गुजरात के गांधीनगर में भारत सरकार, वेदांता और फॉक्सकॉन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे। भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि दोनों कंपनियों ने गुजरात में यूनिट लगाने के लिए 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया है।

राजीव चंद्रशेखर ने दी प्रतिक्रिया

फॉक्सकॉन और वेदांता के बीच करार टूटने पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा कि फॉक्सकॉन के वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तय लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फॉक्सकॉन और वेदांता के बीच करार टूटने को गलत नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और पीएम मोदी के कार्यों पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।