Bharat Bandh News Updates:10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के संयुक्त मंच ने आज देशव्यापी ‘भारत बंद’ का आह्वान किया । ‘बंद’ केंद्र सरकार की “मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों” के खिलाफ एक विरोध है। बैंकिंग, परिवहन, डाक सेवाओं, खनन और निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के आज भारत बंद में भाग लेने की उम्मीद है। बंद के बावजूद आज शेयर मार्केट खुला है।
आज भारत बंद क्यों है?
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि संसद द्वारा पारित चार नए श्रम कानून श्रमिकों के कई अधिकार छीन लेते हैं। जबकि स्कूल, कॉलेज और निजी कार्यालय खुले रहने की संभावना है, परिवहन और अन्य सार्वजनिक सेवाओं में व्यवधान दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेड यूनियनों का दावा है कि ये कानून हड़ताल पर जाना, लंबे समय तक काम करने की मांग करना और श्रम नियमों को तोड़ने पर भी कर्मचारियों की रक्षा करना कठिन बनाते हैं।
क्या है ट्रेड यूनियनों की मांग
श्रम संगठनों की मांगों में चार श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेका प्रणाली समाप्त करना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करना तथा न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करना शामिल है। इसके अलावा किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के सूत्र के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए ऋण माफी की मांग भी कर रहे हैं।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में श्रमिक संगठनों और वाहन चालकों की हड़ताल के कारण बुधवार को परिवहन व्यवस्था प्रभावित रही। देश के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों का एक संयुक्त मंच चार श्रम संहिता, ठेका प्रथा और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में बुधवार सुबह से राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहा है। विपक्षी कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) ने श्रमिक संगठनों के विरोध को समर्थन दिया है।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 'भारत बंद' को लेकर टीएमसी सदस्यों और ट्रेड यूनियन नेताओं के बीच झड़प हो गई।
सूबे की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में हड़ताल के दौरान जन-जीवन सामान्य रहा। शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था आम दिनों की तरह ही नजर आई और अधिकांश आवश्यक सेवाओं पर कोई भी असर नहीं देखा गया। श्रमिक संगठनों की मांगों में चार नयी श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेका प्रणाली समाप्त करना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करना और न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करना शामिल हैं।
‘मध्यप्रदेश बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन’ (एमपीबीईए) के अध्यक्ष मोहनकृष्ण शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सूबे की लगभग 8,700 बैंक शाखाओं के करीब 40,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। इनमें 11 सरकारी बैंक और कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) के कर्मचारी शामिल हैं।’’
सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस के एक समर्थक (CITU) संघीय सरकार की श्रमिक विरोधी और गरीब विरोधी नीतियों के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला जलाते हुए नारे लगाते दिखे।

देश के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से बुधवार को बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान मध्यप्रदेश में करीब 8,700 बैंक शाखाओं में काम-काज ठप रहा और इससे अलग-अलग बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं। बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने यह जानकारी दी।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई को बताया कि भारत बंद की आम हड़ताल आज, 9 जुलाई से पूरे देश में शुरू हो गई है। उन्हें पश्चिम बंगाल, केरल, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु और बिहार सहित राज्यों से आंदोलन की रिपोर्ट और तस्वीरें मिली हैं।
तमिलनाडु में थूथुकुडी निगम के सभी चार क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों ने लंबे समय से लंबित मुद्दों पर न्याय की मांग करते हुए एक दिवसीय हड़ताल की और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 2017 के आदेश के बावजूद वादा किए गए बदलावों को लागू नहीं किया है।
श्रम संगठनों की मांगों में चार श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेका प्रणाली समाप्त करना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करना तथा न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करना शामिल है। इसके अलावा किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के सूत्र के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए ऋण माफी की मांग भी कर रहे हैं।
विपक्षी नेता राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव और इंडिया ब्लॉक के कई अन्य लोग पटना में चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च का नेतृत्व करेंगे।बड़ी संख्या में विपक्षी दल के नेताओं ने पटना के महात्मा गांधी सेतु पर टायर जलाकर सड़क यातायात को अवरुद्ध कर दिया।पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पहुंचे और रेलवे यातायात को बाधित करने की कोशिश की।यादव के समर्थकों ने पटना के कई हिस्सों के साथ-साथ अररिया, पूर्णिया, कटिहार और मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात अवरुद्ध कर दिया।
अखिल भारतीय मजदूर संघ कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बुधवार सुबह देशभर में आम हड़ताल शुरू हो गई। उन्हें पश्चिम बंगाल, केरल, झारखंड, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से हड़ताल की खबर और तस्वीरें मिली हैं।
भारत बंद का असर पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में देखा गया। अन्य राज्यों में ओडिशा, झारखंड। जादवपुर और रांची जैसे क्षेत्रों में वित्त, खनन और राज्य परिवहन सेवाओं के क्षेत्रों पर भारी प्रभाव पड़ा है। राजद सदस्यों और अन्य वामपंथी दलों ने रेल पटरियों और स्टेशनों को अवरुद्ध कर दिया है।
वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा हावड़ा में बंद लागू करने की कोशिश के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। यूनियन नेताओं के अनुसार, केंद्रीय और क्षेत्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़े 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने नए श्रम कोड और निजीकरण के विरोध में और 26,000 रुपये के न्यूनतम वेतन और पुरानी पेंशन योजना जैसी मांगों पर दबाव डालने के लिए देश भर में हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार की चार नयी श्रम संहिताओं सहित कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के कारण केरल में बुधवार को जनजीवन प्रभावित रहा। इस हड़ताल को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शासित राज्य के श्रमिक संगठनों और वामपंथी संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने इस राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है जिसमें 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ-साथ स्वतंत्र अखिल भारतीय क्षेत्रीय महासंघ और संघ शामिल हैं। सार्वजनिक परिवहन से लेकर सरकारी कार्यालयों तक राज्य भर में हड़ताल में व्यापक भागीदारी देखी गई है।
केरल में पूर्ण बंद है। दुकानें, संस्थान एंव अधिकतर सेवाएं बंद हैं। बसें सड़कों से नदारद रहीं तथा विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए काम नहीं किया जिससे सड़कें सुनसान रहीं। स्वास्थ्य सेवा, आपातकालीन सेवाएं तथा दूध आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को हालांकि हड़ताल से छूट दी गई है ताकि आम लोगों को परेशानी नहीं हो। (भाषा)
पश्चिम बंगाल सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत तथा राज्य में वामपंथी दलों द्वारा समर्थित देशव्यापी हड़ताल के दौरान जनजीवन प्रभावित न हो। हड़ताल सुबह छह बजे शुरू हुई और इसके समर्थकों ने पूर्वी रेलवे के सियालदह मंडल में सियालदह दक्षिण खंड के डायमंड हार्बर और उत्तर खंड के श्यामनगर में रेलगाड़ियों की आवाजाही रोकने की कोशिश की। उन्होंने जलपाईगुड़ी, आसनसोल और बांकुरा सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़क मार्ग भी अवरुद्ध करने की कोशिश की।
राज्य में पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा और परिवहन के व्यापक प्रबंध किए हैं ताकि जनजीवन प्रभावित नहीं हो। यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस की टुकड़ियां तैनात की गईं। पश्चिम बंगाल में भारतीय ट्रेड यूनियन संघ (सीटू) के अध्यक्ष अनादि साहू ने बताया कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने ‘‘उदारीकरण, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, ठेका व्यवस्था और अन्य मुद्दों’’ के खिलाफ आम हड़ताल का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि वामपंथी दलों के समर्थन से 10 श्रमिक संगठन नयी श्रम संहिताओं और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।
केंद्र का मानना है कि 1,200 से अधिक धाराओं वाले 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को श्रमिक वर्गों के हित में केवल चार संहिताओं में समाहित किया गया है लेकिन वामपंथी श्रमिक संगठनों एवं अन्य पक्षों का कहना है कि नयी श्रम संहिताएं श्रमिकों के हित में नहीं हैं। राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए बुधवार को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया है। राज्य सरकार ने कार्यस्थलों तक लोगों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर और अधिक बस उपलब्ध कराई हैं। पश्चिम बंगाल में 2011 से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में किसी भी बंद का विरोध किया है और कहा है कि इससे काम पर असर पड़ता है। (भाषा)
शहर की लाइफलाइन दिल्ली मेट्रो ने आज भारत बंद से अपने परिचालन प्रभावित होने के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, यात्रियों को कैब और बसों जैसे अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों के कारण व्यवधान या देरी का सामना करना पड़ सकता है।
मंगलवार आधी रात से शुरू हुए आज के भारत बंद को सीपीआई (एम) शासित राज्य में ट्रेड यूनियनों और वामपंथी झुकाव वाले संगठनों से मजबूत समर्थन मिला है। केरल में पूर्ण बंदी देखी जा रही है, दुकानें, संस्थान और अधिकांश सेवाएं बंद हैं। सड़कें सुनसान रहीं क्योंकि बसें सड़कों से नदारद रहीं और विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारी एकजुटता दिखाते हुए अपने कर्तव्यों से दूर रहे।सार्वजनिक कठिनाई से बचने के लिए स्वास्थ्य सेवा, आपातकालीन सेवाओं और दूध आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से छूट दी गई है।
केरल | केंद्र सरकार पर "कॉर्पोरेट समर्थक" नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' के समर्थन में कोट्टायम में दुकानें और शॉपिंग मॉल बंद रहे।
थूथुकुडी | श्रमिक संघ के प्रतिनिधि, सखायम ने भारत बंद पर कहा, "थूथुकुडी निगम के सभी चार क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों ने लंबे समय से लंबित मुद्दों पर न्याय की मांग करते हुए एक दिवसीय हड़ताल की... 2017 की मंजूरी के बावजूद, राज्य सरकार ने वादा किए गए बदलावों को लागू नहीं किया है... श्रमिकों ने वेतन विसंगतियों, प्रतिशोध के रूप में 25 किमी दूर यूनियन सदस्यों के अन्यायपूर्ण स्थानांतरण और खराब वेतन (ड्राइवरों के लिए 497 रुपये और 598 रुपये) का आरोप लगाया... हालांकि श्रम कल्याण बोर्ड ने स्थानांतरित श्रमिकों को बहाल करने की सिफारिश की, कोई कार्रवाई नहीं हुई... हम निगम कमिश्नर और मेयर के सामने अपनी मांग रख रहे हैं...''
बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) जैसे एक्सचेंजों सहित शेयर बाजार आज, 9 जुलाई को खुला रहेगा।
आज, 9 जुलाई को बुलाए गए भारत बंद के तहत श्रमिकों के सड़कों पर उतरने के कारण पश्चिम बंगाल में आगजनी की घटना। सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत आग पर काबू पा लिया।
पश्चिम बंगाल | सिलीगुड़ी में सरकारी बसों के ड्राइवर एहतियात के तौर पर हेलमेट पहने दिखे, क्योंकि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 'भारत बंद' का आह्वान किया है।
तमिलनाडु | केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा केंद्रीय सरकार पर "कॉर्पोरेट समर्थक" नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए बुलाए गए 'भारत बंद' के बावजूद चेन्नई में बस सेवाएं सामान्य बनी हुई हैं।
किसान और ग्रामीण मजदूर भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं, जिससे देशव्यापी प्रभाव तेज हो रहा है। हड़ताल से कई क्षेत्रों में सार्वजनिक सेवाएं और दैनिक जीवन बुरी तरह बाधित होने की आशंका है।
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रेलवे, मार्केट और दुकानें व इमरजेंसी सेवाओं पर भी भारत बंद का असर पड़ने की संभावना है। हालांकि, इमरजेंसी और हेल्थकेयर सर्विसेज कल खुली रहेंगी।
देशभर में 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में भाग ले रहे हैं, जो मजदूर विरोधी और किसान विरोधी मानी जाने वाली सरकारी नीतियों का विरोध कर रहे हैं। बंद से प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं
-बैंकिंग और इंश्योरेंस सर्विसेज (Banking and insurance services)
-पोस्टल सर्विसेज (Postal services)
-कोल माइनिंग और फैक्टरी (Coal mining and factories)
-ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Transport System)
-एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (स्कूल और कॉलेज)
-पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज
हड़ताल से बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाओं, कोयला खनन, परिवहन और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों सहित प्रमुख क्षेत्रों के बाधित होने की संभावना है।
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के गठबंधन द्वारा बुलाई गई हड़ताल का उद्देश्य केंद्र सरकार की "मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों" का विरोध करना है।
नमस्ते और आज भारत बंद के हमारे लाइव कवरेज में आपका स्वागत है। आज यातायात प्रभावित होने की आशंका है, इसलिए हम आपको बताते रहेंगे कि आप कौन से रास्ता अपना सकते हैं और किन मार्गों से बच सकते हैं ताकि आज यात्रा करते समय आपको कम से कम यातायात व्यवधान हो। दिन बढ़ने के साथ और अधिक अपडेट के लिए इस स्थान को देखते रहें। देश की 10 बड़ी ट्रेड यूनियनों ने आज भारत बंद बुलाया है।