भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) के मर्जर को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह कंपनी संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में मर्ज होगी। बुधवार को केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके BBNL के मर्ज होने की जाने के बारे में जानकारी दी है। मर्जर की मंजूरी के साथ ही कैबिनेट की ओर से 1.64 लाख करोड़ रुपए का नया पैकेज भी जारी किया गया है।
इस विलय से बीएसएनएल को अतिरिक्त 5.67 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर मिलेगा, जिसे यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) का उपयोग करके देश में 1.85 लाख ग्राम पंचायतों में रखा गया है। वर्तमान में, इसके पास 6.83 लाख किलोमीटर से अधिक का ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क है। इसके साथ ही सरकार ने BSNL के लिए 1,64,156 करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज की घोषणा की है।
गौरतलब है कि बीएसएनल के लिए रिवाइवल पैकेज के लिए आखिरी मंजूरी साल 2019 में दी गई थी। कैबिनेट की ओर से दी मंजूर किए गए इस पैकेज से बीएसएनएल की सेवाओं की उन्नति और इसकी गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही बीएसएनएल की डेस्ट्रेस बैलेंस शीट तैयार की जाएगी। इसके साथ ही बीएसएनएल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा।
33,000 करोड़ रुपए को इक्विटी में बदलने का फैसला
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पैकेज के मंजूरी के साथ ही कैबिनेट ने 33,000 करोड़ रुपए के वैधानिक बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। इससे बीएसएनएल की बिगड़ी हुई स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जाएगा।
बीएसएनएल के सीएमडी पीके पुरवार ने कहा कि “बीएसएनएल सरकार की एक कार्यकारी शाखा के रूप में काम करेगी और संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा। बीबीएनएल के पास 200 से कम का कार्यबल है।” उन्होंने कहा कि बीबीएनएल को बीएसएनएल में समाहित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है।
अप्रैल में विलय करने को की थी घोषणा
बता दें कि सरकार ने अप्रैल 2022 में घोषणा की थी कि महत्वाकांक्षी भारतनेट परियोजना को लागू करने के लिए गठित विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बीबीएनएल का बीएसएनएल में विलय कर दिया जाएगा।