बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज का कहना है कि भारत में मार्च में कोरोना से निपटने के लिए लागू हुए लॉकडाउन के बाद से ही मोटरसाइकिल उद्योग में कोई पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सकारत्मक ऑटो सेल होलसेल सेक्टर में कुछ नंबर मात्र हैं और रिटेल सेक्टर में संघर्ष जारी है। उन्होंने आगे कहा कि फेस्टिव सीजन खत्म होने के बाद वे रिटेल सेल संख्या को लेकर चिंतित हैं। राजीव बजाज ने कहा कि यह ग्रोथ फेस्टिवल सीजन के दौरान देखने को मिल रही है।

उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि आखिर त्योहारी सीजन गुजरने के बाद कारोबार की क्या स्थिति होगी। इंडिया टुडे टीवी को एक साक्षात्कार के दौरान राजीव बजाज ने कहा कि पिछले तीन महीनों की बिक्री मुश्किल से पिछले साल की ब्रिक्री को छू पाई है। मुझे चिंता है कि दिसंबर से क्या होगा जब प्रतिद्वंद्विता खत्म हो जाएगी। 3 प्रतिशत की वृद्धि चिंता का विषय है। हमें जनवरी से दोहरे अंकों में विकास देखना होगा।

उन्होंने बताया कि उद्योग के पास प्लान बी तैयार होना चाहिए क्योंकि रिटेल सेल जिस गति से बढ़नी चाहिए उतनी नहीं बढ़ रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘लॉकडाउन हटाए जाने के बाद से अब तक दोपहिया वाहन उद्योग में रिटेल सेल पिछले साल से अधिक नहीं हुई है। आने वाले समय में चीजों को बदलने के लिए कुछ किया जाना चाहिए। राजीव बजाज ने ऑटो रिटेल सेक्टर में सेल को दोबारा पटरी पर लाने के लिए दो मुख्य सुझाव दिए तो साथ ही एक बड़ा सवाल भी पूछा।

पहला MSME को सपोर्ट करना और दूसरा जीएसटी में बदलाव। उनका कहना है कि बजाज ऑटो जैसी बड़ी कंपनियों को (MSMEs के लिए सपोर्ट) की आवश्यकता नहीं है। मेरे डीलरों की तरह जो मजबूत नहीं हैं, उनको कम से कम किसी तरह से जीएसटी में बदलाव के माध्यम से ग्राहक को लुभाना व प्रेरित करना है। कई नौकरियां चली गई हैं तो इस तरह के कार्यों के बिना, लोग कैसे खरीदेंगे?’