बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद की रुचि सोया इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2020-21 की आखिरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा बढ़ा है।
कितना हुआ मुनाफा: रुचि सोया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में उसका कुल मुनाफा 314.33 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 41.24 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। वहीं, रुचि सोया की मार्च तिमाही में आय 51 प्रतिशत बढ़कर 4,860 करोड़ रुपये के करीब रही, जो इससे पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 3,209 करोड़ रुपये थी। बीते वित्त वर्ष में रुचि सोया की कुल आय बढ़कर 16,382.97 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वर्ष में 13,175.36 करोड़ रुपये थी।
ये खबर ऐसे समय में आई है जब पतंजलि आयुर्वेद के स्वामित्व वाली खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया ने बताया था कि फॉलो ऑन पब्लिक इश्यू (FPO) के जरिये शेयर बेचा जाएगा। रुचि सोया ने एफपीओ के जरिए 4,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले ही रुचि सोया ने सेबी के पास एफपीओ के प्रस्ताव का मसौदा जमा करा दिया था।
यही नहीं, हाल ही में रुचि सोया इंडस्ट्रीज ने पतंजलि नेचुरल बिस्कुट प्राइवेट लि. (पीएनबीपीएल) के कारोबार को 60.02 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है। यह अधिग्रहण जुलाई तक पूरा होने की उम्मीद है।
आईपीओ की तरह FPO: आपको बता दें कि फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) आईपीओ की तरह ही होता है। जब शेयर बाजार में लिस्टेड कोई कंपनी फंड जुटाने के लिए सार्वजिनक तौर पर अपने शेयर बेचने की पेशकश करती है तो इसे फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर कहते हैं। पहली पेशकश आईपीओ कहलाती है। इसके बाद ही कंपनी लिस्टेड होती है। लेकिन लिस्टिंग के बाद शेयर बेचने का सार्वजनिक प्रस्ताव एफपीओ कहलाता है।
2019 में हुआ था अधिग्रहण: साल 2019 में रुचि सोया को पतंजलि आयुर्वेद ने 4,350 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था। कंपनी तेल मिल, खाद्य तेल प्रसंस्करण और सोया उत्पादों आदि का कारेाबार करती है। महाकोष, सनरिच, रुचि गोल्ड और न्यूट्रिला कंपनी के शीर्ष ब्रांड हैं।