1 अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत हो चुकी है। इस नए फाइनेंशियल ईयर में योगगुरु रामदेव की कंपनी रुचि सोया अपने पुराने रंग में नहीं दिख रही है। इस वजह से निवेशकों को भी नुकसान हुआ है।

करीब 10 महीने पहले ही रुचि सोया का शेयर भाव 1,535 रुपये के स्तर पर था, जो अब 700 रुपये के स्तर पर है। मतलब ये कि 10 महीने के भीतर शेयर का भाव आधा से भी कम हो चुका है। बीते तीन महीनों की ही बात करें तो रुचि सोया के शेयर भाव में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जनवरी से मार्च के बीच प्रति शेयर का भाव 600 रुपये से 750 रुपये के बीच रहा है। फिलहाल, रुचि सोया का मार्केट कैपिटल 20,723 करोड़ रुपये के स्तर पर है।

तीन महीनों में 13 निवेशकों ने की शिकायत: इस बीच, रुचि सोया ने निवेशकों से जुड़ी एक अहम जानकारी दी है। बीएसई को दी गई जानकारी में रुचि सोया की ओर से बताया गया है कि बीते तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच निवेशकों की कुल 13 शिकायतें आई हैं।

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बीएसई की वेबसाइट पर ये जानकारी दी गई है

इन शिकायतों में से 12 का समाधान कर दिया गया है। जबकि एकमात्र समस्या का समाधान नहीं निकल सकता है। इस जानकारी पर रुचि सोया के सेक्रेटरी और अनुपालन अधिकारी रामजी लाल गुप्ता का साइन भी है।

कौन संभाल रहा रुचि सोया को: आपको बता दें कि योगगुरु रामदेव और उनके छोटे भाई राम भरत के अलावा नजदीकी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण रुचि सोया के निदेशक मंडल में शामिल हैं। भरत को सालाना एक रुपये का वेतन दिया जाएगा।

इसके अलावा आचार्य बालकृष्ण को भी सालाना एक रुपये का वेतन दिया जाएगा। इनके अलावा गिरीश कुमार आहूजा, ज्ञान सुधा मिश्रा और तेजेंद्र मोहन भसीन को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है। बता दें कि रुचि सोया के पास खाद्य ब्रांड न्यूट्रीला का स्वामित्व है। साल 2019 में पतंजलि आयुर्वेद ने 4,350 करोड़ रुपये में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। (ये पढ़ें—इस तेल का विरोध करते हैं रामदेव)

इस अधिग्रहण के बाद रुचि सोया के शेयर में बड़ी बढ़त देखने को मिली। इसी दौरान रुचि सोया का शेयर 1500 रुपये के भाव को छु लिया। हालांकि, बीते साल के आखिरी महीनों से जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ, वो अब 700 रुपये के स्तर पर आ चुका है।

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