Baba Ramdev, Patanjali Ayurved: योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद अपने कारोबार को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसी के तहत कंपनी जल्द IPO या आरंभिक सार्वजनिक पेशकश लेकर आ सकती है। इसके जरिए पतंजलि शेयर बाजार में लिस्टेड हो जाएगी।
बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी साल पतंजलि आईपीओ को ला सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में योगगुरु रामदेव ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई की सभा में इसके संकेत दिए हैं। इस दौरान रामदेव ने कहा कि वह जल्द ही दो बड़ी घोषणाएं करने के लिए एक्सचेंज में आएंगे। इनमें से एक, रूचि सोया और दूसरा पतंजलि के संबंध में होगा। आपको यहां बता दें कि रूचि सोया पहले से ही शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी है लेकिन पतंजलि की लिस्टिंग नहीं हुई है। साल 2019 में पतंजलि ने रूचि सोया का अधिग्रहण किया था। (ये पढ़ें—इस तेल का विरोध करते हैं रामदेव)
क्या होता है आईपीओ: आसान भाषा में समझें तो जब एक कंपनी अपने समान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करती है, उसे ही आईपीओ कहते हैं। आमतौर पर जब कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड होने वाली होती हैं तो उससे पहले आईपीओ लेकर आती हैं। इस आईपीओ में एक साधारण निवेशक भी निवेश कर सकता है। हालांकि, निवेश के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी होती हैं।
मुनाफे वाली कंपनी है पतंजलि: आपको बता दें कि योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड मुनाफे वाली कंपनी है। वित्त वर्ष 2019-20 में पतंजलि आयुर्वेद का मुनाफा 21.56 प्रतिशत बढ़कर 424.72 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 349.37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 के नतीजे अभी नहीं आए हैं।
लोन से शुरुआत: पतंजलि के बारे में एक दिलचस्प बात ये है कि कंपनी कर्ज लेकर शुरू की गई थी। साल 1995 में पतंजलि का कंपनी के तौर पर रजिस्ट्रेशन हुआ था। योगगुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने महज 13 हजार रुपये में रजिस्ट्रेशन कराया था। तब ये रकम उन्होंने कर्ज के तौर पर ली थी। (ये पढ़ें—रामदेव की कंपनी से 13 निवेशकों की शिकायत)
फिलहाल पातंजलि आयुर्वेद का सबसे बड़ा केंद्र हरिद्वार में है। बीते कुछ सालों में एफएमसीजी में पतंजलि ग्रुप ने डाबर, हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी दिग्गज एफएमसीजी कंपनियों को कड़ी टक्कर दी है।