हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद और उसके फाउंडर योगगुरु रामदेव से जुड़े विवाद अकसर सुर्खियां बटोरते हैं। इस बार एलोपैथी और डॉक्टरों पर विवादित बयान देकर योगगुरु रामदेव फंस गए हैं। योगगुरु से कारोबार की दुनिया में कदम रखने वाले रामदेव दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट में भी सक्रिय हैं। इस ट्रस्ट में रामदेव, बालकृष्ण के अलावा 2 अहम सदस्य भी शामिल हैं।
कौन 2 अहम सदस्य शामिल: दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट में रामदेव, बालकृष्ण के अलावा स्वामी मुक्तानंद और शंकरदेव शामिल हैं। पतंजलि समूह की वेबसाइट दिव्य योग डॉट कॉम के मुताबिक स्वामी मुक्तानंद का जन्म पश्चिम बंगाल में 1956 में हुआ था। वह दिव्य फार्मेसी के कामकाज में अहम भूमिका निभा रहे हैं। साइंस ग्रैजुएट और संस्कृत में पोस्ट ग्रैजुएट करने वाले स्वामी मुक्तानंद दवाओं को तैयार करने में अहम भूमिका अदा करते हैं। स्वामी मुक्तानंद पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट) के कोषाध्यक्ष और संस्थापक ट्रस्टी हैं।
स्वामी शंकरदेव की बात करें तो वह दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) और पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट) के संरक्षक और संस्थापक ट्रस्टी हैं। साल 1930 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में जन्में शंकरदेव ने 15 साल की उम्र में संन्यासियों के एक समूह के साथ अपना घर छोड़ दिया। वह हरिद्वार में महान संत स्वामी कृपालु देव जी महाराज के साथ जुड़े। वे स्वामी कृपालु देव जी महाराज के शिष्य हैं।
आपको यहां बता दें कि दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट ही दिव्य फार्मेसी को संचालित करती है। इस कंपनी की स्थापना आयुर्वेदिक दवाएं और हर्बल प्रोडक्ट्स को तैयार करने के लिए की गई थी। (ये पढ़ें—सिर्फ 100 रुपये में खरीदें रामदेव की कंपनी का कार्ड, मिल जाएगी 5 लाख तक की बीमा)
2006 में पतंजलि की स्थापना: आपको यहां बता दें कि साल 2006 में रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की थी। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हेल्थ सप्लीमेंट्स, कॉस्मेटिक्स, फूड, प्रोसेस्ड फूड, बेवरेजेज और पर्सनल एंड होम केयर उत्पादों सहित हर्बल और प्राकृतिक उत्पादों का एक प्रमुख निर्माता और निर्यातक है। इस कंपनी के उत्पाद कई विदेशी बाजारों में उपलब्ध हैं। पतंजलि की वेबसाइट के मुताबिक भारत के 18 राज्यों में 47000 से अधिक रिटेल काउंटर, 3500 डिस्ट्रिब्यूटर, कई गोदाम और कारखाने हैं।
रामदेव पर 1 हजार करोड़ का मानहानि: आपको बता दें कि एलोपैथी और डॉक्टरों पर योगगुरु रामदेव ने विवादित बयान दिया था। इसके बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है।