देश में Auto Sector इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस मंदी का असर ये हुआ है कि Automobile सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आयी है। बता दें कि ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनियों Tata Motors (55 प्रतिशत) Maruti Suzuki (36 प्रतिशत), Mahindra & Mahindra (46 प्रतिशत), Ashok Leyland (50.31 प्रतिशत), Hero MotoCorp (19 प्रतिशत) और TVS Motor (31.21 प्रतिशत) के शेयरों में गिरावट आयी है। सिर्फ Bajaj Auto के शेयरों में ही 1% की मामूली बढ़ोत्तरी देखी गई है। BSE में Auto Sector Index में बीते एक साल के दौरान 35% की कमी आयी है। वहीं NSE के निफ्टी Auto Index में भी यह गिरावट 36.7% रही।
Society of Indian Automobile Manufacturers द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2018 से बीते 13 महीनों में से 12 महीनों में ऑटो सेक्टर की बिक्री में गिरावट आयी है। जुलाई 2018 से लेकर जुलाई 2019 के बीच यात्री वाहनों और कारों की बिक्री में कुल 30.9% की भारी-भरकम गिरावट आयी है।
बता दें कि दिसंबर, 2000 के बाद ऑटो सेक्टर में आयी यह सबसे बड़ी गिरावट है। 2000 में वाहनों की बिक्री में कुल 35.22 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। खास बात ये है कि मौजूदा मंदी से यात्री वाहन, कार, मोटरसाइकिल और स्कूटर कुछ भी अछूता नहीं रहा है और सभी सेगमेंट में वाहनों की बिक्री में गिरावट आ रही है। इस दौरान व्यवसायिक वाहनों की बिक्री 25.7 प्रतिशत, मोटरसाइकिल और स्कूटर की बिक्री 16.8 प्रतिशत और यात्री वाहनों की बिक्री 36 प्रतिशत तक गिरी है।
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बिक्री में कमी का असर वाहनों के प्रोडक्शन पर भी पड़ा है और आंकड़ों के अनुसार, इस माह में यात्री वाहनों के प्रोडक्शन में 17% तक की कमी आयी है। Auto Component Manufacturers कंपनियों पर प्रोडक्शन में कमी का सीधा असर पड़ा है और वाहनों के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों Motherson Sumi के शेयर 53%, Minda Industries के शेयर 23% और Bosch के शेयर 27.56% तक गिरे है। जानकारों के अनुसार, ऑटो सेक्टर की यह मंदी अभी लंबी चल सकती है।
वाहनों की रिटेल बिक्री में कमी के चलते वाहन डीलर्स को भी मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है। Federation of Automobile Dealers Association (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक, वाहनों की बिक्री में कमी के चलते बीते तीन माह में करीब 2 लाख नौकरियां गई हैं, वहीं बीते साल के मुकाबले देशभर में 286 शोरूम बंद हुए हैं, जिनसे सीधे तौर पर 32,000 नौकरियां चली गई हैं।