ATM withdrawal rules: कोरोना के चलते पैदा हुए कैश के संकट से लोगों को उबारने के लिए बैंकों ने कई राहतों का ऐलान किया था, जो अब खत्म हो गई है। 1 जुलाई यानी आज से आपको बदले हुए नियमों का पालन करना होगा और यदि आप ऐसा करने से चूक जाते हैं तो अतिरिक्त चार्ज देने के लिए तैयार रहना होगा। बैंकों की ओर से 30 जून तक एटीएम से कैश निकासी की सीमा खत्म कर दी गई थी, जिसके चलते कितनी भी बार किसी भी एटीएम से रकम निकालने पर चार्ज नहीं देना होता था। लेकिन अब आपको महीने में 5 से ज्यादा ट्रांजेक्शन करने पर बैंकों की दरों के मुताबिक चार्ज देना होगा।
हालांकि एटीएम से अधिक ट्रांजेक्शन पर लगने वाला चार्ज इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने उसी बैंक के एटीएम का इस्तेमाल किया है, जिसमें आपका खाता है या फिर किसी बैंक के एटीएम से कैश निकासी की है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों और शहरी क्षेत्र के चार्ज भी अलग-अलग रखे गए हैं। इसके अलावा ग्राहकों को अब बचत बैंक खातों में न्यूनतम जमा राशि के नियम का भी पालन करना होगा। बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न मेंटेन करने पर चार्ज से छूट भी 30 जून तक के लिए ही दी थी। अब तक इस संबंध में कोई नया नियम नहीं आया है तो स्पष्ट ही है कि पुराने नियम अब लागू हो जाएंगे।
मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेंटेन करने की दर भी बैंकों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग रखी है। उदाहरण के तौर पर यदि हम भारतीय स्टेट बैंक की ही बात करें तो शहरी क्षेत्रों में ग्राहकों को अपने बैंक खाते में कम से कम 3,000 रुपये रखने होंगे। इसके अलावा अर्धशहरी क्षेत्र के लिए यह लिमिट 2,000 रुपये है और ग्रामीण क्षेत्र की शाखाओं में 1,000 रुपये जमा होना अनिवार्य है। इसी तरह एचडीएफसी बैंक की शहरी क्षेत्रों में लिमिट 10,000 रुपये है, जबकि अर्ध शहरी क्षेत्रों की शाखाओं में 5,000 रुपये जमा होना अनिवार्य है।
निजी सेक्टर के ही एक और दिग्गज बैंक आईसीआईसीआई ने शहरी क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस की सीमा 10,000 रुपये तय की है, जबकि अर्धशहरी क्षेत्रों में 5,000 और ग्रामीण इलाकों में 2,000 रुपये बैंक खातों में जमा होना जरूरी है।