Ashok Leyland employees,  suspended production:  वाहन उद्योग में जारी संकट के बीच क्षेत्र की अग्रणी कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिये कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है। कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब पहले से ही उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं।

अशोक लीलैंड एम्पलाइज यूनियन के सूत्रों ने शनिवार को बताया, ‘‘हम अपना हड़ताल जारी रख रहे हैं। प्रबंधन ने सोमवार तक कारखाने में काम बंद किया हुआ है। हम तब तक हड़ताल जारी रखेंगे जबतक प्रबंधन उपयुक्त समाधान लेकर नहीं आता है।’’ यूनियन ने बोनस में 10 प्रतिशत की वृद्धि की मांग की है जबकि प्रबंधन पांच प्रतिशत वृद्धि के लिये तैयार है।

हिंदुजा समूह की कंपनी ने इस बीच कर्मचारियों के लिये एक नोटिस जारी की है। नोटिस में कंपनी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) तथा कर्मचारी अलगाव योजना (ईएसएस) की पेशकश की है। सूत्रों ने कहा कि जो कर्मचारी वीआरएस की पात्रता नहीं रखते हैं, उनके लिये ईएसएस की पेशकश की गयी है।

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बता दें कि वाहन उद्योग बड़ी मंदी की चपेट में है। कई बड़ी कंपनियों ने घटती मांग के मद्देनजर प्रोडक्शन कम कर दिया है। लाखों कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एण्ड पालिसी के प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति के मुताबिक, पेट्रोल- डीजल के वाहनों के भविष्य को लेकर खरीदार और विनिर्माता दोनों के मन में अनिश्चितता बढ़ रही है।

भानुमूर्ति के मुताबिक, यहां तक कि पेट्रोल- डीजल वाहनों के लिये कर्ज देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान भी हिचकिचाहट दिखाने लगे हैं। पुराने वाहनों की बिक्री का बाजार भी सुस्त चल रहा है। चार- पांच साल बाद पेट्रोल, डीजल के पुराने वाहनों का क्या होगा किसी को नहीं पता, इसलिये नये वाहनों के खरीदार पशोपेश में हैं। यह स्थिति वाहन बाजार में बिक्री में गिरावट की एक बड़ी वजह हो सकती है।