वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भारत में कर का आकलन करने वाले अधिकारी दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के बीच 11 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन के मामले में अपनी जांच-पड़ताल जारी रखेंगे। जेटली ने साथ ही कहा कि इस विषय पर उनकी पहले की टिप्पणियों को गलत समझा गया।

जेटली से यहां संवाददाताओं ने जब विपक्ष के इस आरोप के बारे में पूछा था कि उन्होंने यह कह कर एक तरह से भाजपा सांसद दुषयंत सिंह को पाक-साफ घोषित कर दिया है कि सिंह को पूर्व आईपीएल प्रमुख मोदी की ओर से दिया गया कर्ज एक व्यावसायिक लेन-देन था। जेटली ने इसके जवाब में कहा, ‘‘मैंने कभी ऐसे शब्द का उपयोग नहीं किया है। वह मेरे अधिकार क्षेत्र में कभी नहीं रहा है।’’

जेटली ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक सार्वजनिक समारोह में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से (मेरी बात) की गलत व्याख्या करना है। भारत में आकलन करने वाली विभिन्न एजेंसियों को जो कुछ करना है, वह उनका काम है। वे अपना काम करती रहेंगी।’’

सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसंधुरा राजे के पुत्र हैं। मीडिया में आई इन खबरों पर उनकी आलोचना हो रही है कि उनकी कंपनी ने मोदी से 2008 में 11.63 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त किया था।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजे की मोदी को ब्रिटेन में यात्रा-दस्तावेज प्राप्त करने में मदद करने के लिए आलोचना झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि मोदी (49) भारत में कानूनी पचड़ों से बचने के लिए ब्रिटेन में रहते हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों की फिक्सिंग और गैरकानूनी सट्टेबाजी में संलिप्तता के आरोप में घिरने के बाद मोदी 2010 में लंदन चले गए थे।