बिहार में चुनाव तिथियों के एलान से कुछ घंटे पहले ही केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों पर मेहरबानी दिखा दी। बुधवार को सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता छह प्रतिशत बढ़ाकर 119 प्रतिशत कर दिया गया। केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 56 लाख पेंशनभोगियों को इसका फायदा होगा। एक अन्य फैसले में सरकार ने स्वर्ण बांड, स्वर्ण मौद्रीकरण योजनाआें पर मुहर लगा दी है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, सरकार हर छह महीने में महंगाई भत्ते की समीक्षा करती है। इस बार हमने महंगाई भत्ते में मौजूदा 113 प्रतिशत के ऊपर छह प्रतिशत वृद्धि का फैसला किया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एक जुलाई 2015 से महंगाई भत्ते की और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने का फैसला किया गया।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके तहत महंगाई भत्ते की मौजूदा 113 प्रतिशत के ऊपर छह प्रतिशत की वृद्धि होगी। महंगाई भत्ते की इस वृद्धि से सरकारी खजाने पर सालाना 6,655.14 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान, जुलाई 2015 से फरवरी 2016 तक, इस वृद्धि का खजाने पर 4,436.76 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 56 लाख पेंशन भोगियों को फायदा होगा।

इसके साथ ही सरकार ने सोना बैंकों में जमा कराने पर कर छूट के वादे के साथ बुधवार को एक ऐसी स्वर्ण मौद्रीकरण योजना को मंजूरी दी है जिसका लक्ष्य देश में लोगों और संस्थाओं के पास निष्क्रिय रूप से पड़े 20,000 टन सोने को बाजार में लाना है। इसके साथ ही सरकार ने इस बहुमूल्य धातु में निवेश के विकल्प के रूप में सरकारी स्वर्ण बांड योजना पेश किए जाने को भी मंजूरी दी।

स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत किसी भी रूप में सोने को बैंकों में एक से 15 साल की अवधि के लिए जमा किया जा सकेगा और इस पर जमाकर्ता को ब्याज मिलेगा। परिपक्वता मियाद पूरी होने पर उस समय की बाजार दर पर उसे लियाजा सकेगा। इन योजनाओं से देश में आयात की जरूरत कम करने में मदद मिल सकती है।

सावरेन स्वर्ण बांड योजना में बांड पांच ग्राम, 10 ग्राम, 50 ग्राम और 100 ग्राम के मूल्य में जारी किए जाएंगे। इनकी अवधि पांच से सात साल की होगी। इन पर ब्याज दर की गणना निवेश के समय धातु के मूल्य के हिसाब से की जाएगी। कोई व्यक्ति एक साल में 500 ग्राम तक के स्वर्ण बांड खरीद सकेगा। इस तरह के बांड की पेशकश सिर्फ भारतीय नागरिकों व संस्थानों को की जाएगी। वहीं प्रतिभूतियों का एक्सचेंजों मेंं कारोबार होगा जिससे निवेशक को पहले निकलने की सुविधा मिलेगी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, दोनों योजनाएं उपयोग के नजरिये से सुरक्षित और आर्थिक रूप से ज्यादा स्थिर हैं। बाद में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि स्वर्ण बांड योजना के तहत सरकार की योजना पूंजीगत लाभ की छूट देने का है, जो विमोचन के समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन योजनाआें को जल्द पेश किया जाएगा।
स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत बैंकों को अपने पास जमा सोना सर्राफा कारोबारियों को बेचने की अनुमति होगी। इससे पीली धातु की घरेलू उपलब्धता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। दास ने कहा कि अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) नियमों मेंं हालांकि कोई ढील नहीं दी जाएगी और सोना जमा करने वालों को इसका स्रोत बताना होगा। उन्होंने कहा, हम यह नहीं चाहते हैं कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना काले धन को सफेद करने का माध्यम बने।

स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत बैंकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। वहीं लोग या संस्थान 30 ग्राम तक कम सोना भी जमा कर सकते हैं। इसमें वही कर लाभ मिलेगा जो स्वर्ण जमा योजना 1999 के तहत दिया गया था। भारत हर साल करीब 1,000 टन सोने का आयात करता है जिसका चालू खाते पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अलावा आयातित सोने का 30 प्रतिशत परिवार की बचत के रूप में इस्तेमाल होता है।

सरकार को उम्मीद है कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना से देश की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सोने के आयात पर निर्भरता कम होगी। इससे देश के रत्न और आभूषण क्षेत्र को फायदा होगा जो देश के निर्यात में प्रमुख योगदान देता है। जेटली ने कहा कि इसके तहत जुटाया गया सोने का उपयोग नीलामी और रिजर्व बैंक का भंडार बढ़ाने में किया जाएगा। साथ ही इसका उपयोग ‘भारत स्वर्ण सिक्का’ बनाने में किया जाएगा जिन पर अशोक चक्र मुद्रित होगा और आभूषण निर्माताओं को कर्ज देने में भी इसका उपयोग किया जाएगा ताकि सोने के आयात की जरूरत नहीं पड़े।

एक अन्य फैसले में सरकार ने एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक आफ इंडिया (एक्जिम बैंक) में 800 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश पर मुहर लगा दी है। एक्जिम बैंक में यह निवेश पहले ही किया जा चुका है जिसे अब सरकार की मंजूरी मिल गई है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनियों के बीच स्पेक्ट्रम की खरीद-फरोख्त (व्यापार) के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी जिससे सेवा प्रदाताओं के लिए स्पेक्ट्रम की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट ने स्पेक्ट्रम के व्यापार को मंजूरी दे दी है। दूरसंचार क्षेत्र स्पेक्ट्रम के अधिकतम या अच्छे अच्छे तरीके से इस्तेमाल के लिए इसकी मांग कर रहा था। अभी तक केवल सरकार ही नीलामी के जरिए दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम बेच सकती थी, लेकिन अब कंपनियां सरकार से खरीदे गए स्पेक्ट्रम की आपस में खरीद-फरोख्त कर सकेंगी।

सरकार ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-1ए के रामबन से बनिहाल और उधमपुर से रामबन के हिस्से को चार लेन का बनाने के लिए लागत अनुमान में संशोधन किया है। उधमपुर से रामबन क्षेत्र के लिए संशोधित लागत 2,136.97 करोड़ रुपए है जबकि रामबन से बनिहाल खंड के लिए संशोधित लागत 2,168.66 करोड़ रुपए है।

बिजली, कोयला और अक्षय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने आगामी दिनों में अपतटीय पवन ऊर्जा के लिए नीतिगत दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत देश में पवन ऊर्जा की संभावनाओं वाले क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जाएगा और ऊंची संभावना वाले स्थानों की पहचान की जाएगी। इसके बाद, सरकार अंतरिक्ष, रक्षा और जहाजरानी जैसे विभिन्न विभागों से आवश्यक मंजूरी लेगी और फिर इन परियोजनाओं के लिए बोली आमंत्रित करेगी।

सरकार ने अल्पविकसित देशों (एलडीसी) के सदस्यों को सेवा क्षेत्र में तरजीही बाजार पहुंच की मंजूरी दे दी है। इसके तहत भारत रोजगार के इच्छुक लोगों से वीजा शुल्क नहीं लेगा। भारत द्वारा अधिसूचना जारी करने के 15 साल तक यह वैध रहेगी। भारत इस बारे में डब्लूटीओ की बाली (इंडोनेशिया) मंत्रिस्तरीय बैठक में सहमत हुआ था।