एक समय था जब वित्त और बैंकिंग क्षेत्र में पुरुषों का एकाधिकार था, लेकिन बदलते समय में महिलाएं अपनी प्रतिभा से बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष स्तर पर जा पहुंची हैं। इसी कड़ी में अब अंशुला कांत का नाम भी जुड़ गया है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की प्रबंध निदेशक अशुंला कांत को विश्व बैंक का प्रबंध संचालक और मुख्य वित्तीय अधिकारी बनाया गया है। हाल ही में इसकी घोषणा विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मैलपास ने की। डेविड मैलपास ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा कि ‘मैं (अशुंला कांत) उनका स्वागत करता हूं। उनके साथ काम करने के लिए मैं और मेरी टीम तैयार है।’ अंशुला विश्व बैंक में वित्तीय और जोखिम प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगी।

भारतीय स्टेट बैंक में मुख्य वित्त अधिकारी के तौर पर उन्होंने बैंक के 30 अरब डॉलर के राजस्व और 500 अरब डॉलर की कुल परिसंपत्ति का कुशल प्रबंधन किया। उनके संचालन में बैंक के पूंजीगत आधार में सुधार होने के साथ ही उन्होंने बैंक की दूरगामी स्थिरता पर जोर दिया। 7 सितंबर 1960 को रूड़की में जन्मीं अंशुला कांत ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। फिर 1981 में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। 1983 में वे प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक से जुड़ीं। वे एसबीआइ (महाराष्ट्र और गोवा) की मुख्य महाप्रबंधक, राष्ट्रीय बैंकिंग समूह के संचालन की उप प्रबंध निदेशक और एसबीआइ (सिंगापुर) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर भी रहीं। 6 सितंबर, 2018 को उन्हें दो साल के लिए भारतीय स्टेट बैंक का प्रबंध निदेशक भी नियुक्त किया गया। इससे पहले वे एसबीआइ की उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के पद पर भी रह चुकी हैं। मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में भारतीय स्टेट बैंक में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है। अपनी मेहनत और काबिलियत की बदौलत वे बैंक के बोर्ड में भी शामिल हुईं।

अंशुल कांत के पास वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र का 35 वर्ष का लंबा अनुभव है। उन्हें रिटेल बैंकिंग, कॉरपोरेट क्रेडिट, क्रॉस बोर्डर ट्रेड और विकसित बाजारों में बैंकिंग (दोनों खुदरा और थोक) में महारथ हासिल है। उन्हें उनके काम करने के तरीके और उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण एसबीआइ की आधार स्तंभ के तौर पर देखा जाता है। कांत ने एसबीआइ के जोखिम प्रबंधन, अनुपालन के साथ ही फंसे हुए कर्ज के मामलों को कुशलता से निपटाया। यही कारण है कि उन्हें बैंकिंग क्षेत्र में बेहद अनुभवी और प्रतिष्ठित अधिकारी के तौर पर देखा जाता है। यही नहीं, उन्हें देश की बैंकिंग सेवा में तकनीक के बेहतर इस्तेमाल और एसबीआइ के वित्तीय प्रबंध (फाइनेंशियल मैनेजमेंट) को बेहतर बनाने के लिए भी जाना जाता है। 12 जुलाई 2019 को, उन्हें विश्व बैंक समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्हें अंतरराष्ट्रीय विकास संघ, वित्तीय और जोखिम प्रबंधन जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।