दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी इस समय बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। अनिल अंबानी कभी भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। अब वह अपनी कंपनी रिलायंस कैपिटल को एक अरबपति परिवार (हिंदुजा समूह) को बेच सकते हैं। रिलायंस कैपिटल वही कंपनी है, जिससे कभी अंबानी बंधु सबसे अमीर व्यक्ति बने थे। लेकिन अब अनिल अंबानी संकट से उबरने के लिए इस कंपनी को हिंदूजा ग्रुप को बेच सकते हैं। इसके लिए कंपनी की बातचीत चल रही है।
घाटे से गुजर रही कंपनी
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस कैपिटल भारी घाटे से गुजर रही है लेकिन इसकी कीमत 2018 में 93,851 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब यह लगातार घाटे में जा रही है, जिसके कारण अब इसे बेचने की तैयारी चल रही है। रिलायंस कैपिटल को खरीदने और पुनर्जीवित करने की योजना हिंदुजा समूह की फर्म इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) द्वारा दी गई है। ये दूसरे दौर में अकेली बोली लगाने वाली कंपनी थी और इसने 9661 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बोली लगाई थी।
रिलायंस कैपिटल के 99 प्रतिशत ऋणदाताओं ने बायआउट के लिए हिंदुजा समूह के नेतृत्व वाले IIHL समूह के पक्ष में मतदान किया है। हिंदुजा ग्रुप अनिल अंबानी की कंपनी का अधिग्रहण करने के अलावा कंपनी के 500 करोड़ रुपये के कैश बैलेंस का भी अधिग्रहण करेगा।
रिलायंस कैपिटल की कीमत 2018 में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये थी
जहां कुछ साल पहले रिलायंस कैपिटल की कीमत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं हिंदुजा बंधुओं की कुल संपत्ति 1,24,250 करोड़ रुपये है। हालांकि IIHL समूह और रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं द्वारा सौदे की अंतिम औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
यह डील मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जिन्होंने कई साल पहले खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था। उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि एक समय भारत के प्रमुख व्यवसायी होने के बावजूद उनकी कुल संपत्ति वर्तमान में शून्य है। कंपनी की बिक्री के बाद ऋणदाताओं को 10,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे उनका लगभग 65 प्रतिशत निवेश वापस मिल जाएगा।