नए साल के आगाज में अब चंद दिन बचे हैं। इस नए साल में अनिल अंबानी के लिए कुछ राहत की बात है तो वहीं कई चुनौतियां भी हैं। राहत की खबर ये है कि नए साल में अनिल अंबानी का कर्ज कम हो सकता है।
दरअसल, अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कई कंपनियां बिक्री प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इन कंपनियों की संपत्ति या हिस्सेदारी बेचकर अनिल अंबानी अपना कर्ज कम करेंगे। ऐसा अनुमान है कि नए साल में अनिल अंबानी का करीब 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज कम हो सकता है। वहीं, अनिल अंबानी के सामने एक नई चुनौती आ गई है। अनुमान है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की दिवालिया प्रक्रिया पर पेंच फंस सकता है।
आरकॉम को कर्ज देने वाले एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने कंपनी (आरकॉम) और उसकी सहायक इकाइयों के अकाउंट्स को फ्रॉड करार दिया है। बैंक इन कंपनियों के खिलाफ गहन जांच की तैयारी में हैं। अगर ऐसा होता है तो आरकॉम की बिक्री प्रक्रिया में देरी हो सकती है। इस हालात में अनिल अंबानी के कर्ज कम करने की मुहिम को झटका लग सकता है।
आपको बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने अनिल अंबानी के रिलायंस इंफ्राटेल के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने भी इंफ्राटेल के लिए रिजॉल्यूशन प्लान दिया था। इस प्लान के तहत रिलायंस इंफ्राटेल के 43,000 टॉवर और 1,72,000 किलोमीटर की फाइबर लाइन पर जियो का कब्जा होगा।
नए साल में अनिल अंबानी के रिलायंस कैपिटल (RCL) की भी संपत्तियां बिकेंगी। रिलायंस कैपिटल की सब्सिडरी कंपनियों रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल लिमिटेड और रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रशन में समूची या आंशिक हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाई गई थीं।