वैसे तो अनिल अंबानी की अधिकतर कंपनियां घाटे में चल रही हैं लेकिन रिलायंस पावर लगातार मुनाफे में है। अनिल अंबानी की रिलायंस पावर के कई प्रोजेक्ट बांग्लादेश में भी चल रहे हैं। रिलायंस पावर ने अपने विस्तार के लिए कई योजनाएं बनाई थीं। इसी के तहत कंपनी ने साल 2014 में जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपीवीएल) के हाइड्रोपावर बिजनेस को खरीदने की तैयारी की थी लेकिन अचानक डील टूट गई।

क्या था मामला: दरअसल, रिलायंस पावर और जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड की डील को साल 2014 में भारतीय पावर सेक्टर का सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा था। लेकिन अचानक दोनों कंपनियों ने बातचीत टूटने की जानकारी दी। रिलायंस पावर ने तब मौजूदा रेगुलेटरी अनिश्चितता का हवाला देकर डील के कैंसिल होने की बात कही। वहीं जयप्रकाश पावर वेंचर्स के जेपी ग्रुप ने इसके उलट जवाब दिया। कंपनी ने बताया कि डील टूटने की वजह रेगुलेटरी दिक्कत नहीं है। जेपी ग्रुप ने बताया था कि कमर्शियल पहलुओं पर मतभेद के चलते बात नहीं बन पाई।

डील होने पर क्या होता: अगर डील होती तो रिलायंस पावर को 12,000 करोड़ रुपये देने पड़ते। साथ ही रिलायंस पावर देश की सबसे बड़ी निजी हाइड्रोपावर कंपनी बन जाती। आपको बता दें कि जेपीवीएल के 3 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को खरीदने के लिए डील थी, जिनकी प्रोडक्शन कैपेसिटी 1,791 मेगावॉट रहने की बात कही गई थी।

अभी रिलायंस पावर की स्थिति: मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में रिलायंस पावर ने 72.56 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। बीते वित्त वर्ष की ​दिसंबर तिमाही में रिलायंस पावर को करीब 53 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)

अगर पूरे वित्तवर्ष 2020-21 में रिलायंस पावर के मुनाफे की बात करें तो 228.63 करोड़ रुपये था, जबकि 2019-20 में 4,077 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी की कुल आय 8,388 करोड़ रुपये थी, जबकि एक साल पहले के वित्त वर्ष में यह 8,202 करोड़ रुपये थी।

अगर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में रिलायंस पावर की बात करें तो 1.45 फीसदी तक लुढ़क चुका है। कंपनी का शेयर भाव 6.82 रुपये के भाव पर है। वहीं, रिलायंस का मार्केट कैपिटल करीब 2 हजार करोड़ रुपये हो चुका है। इससे पहले जब तिमाही नतीजे आए थे तो रिलायंस पावर का मार्केट कैपिटल 2 हजार करोड़ के स्तर को पार कर लिया था।