लंबे समय से कर्ज के जाल में फंसे अनिल अंबानी अब इसे कम करने में जुटे हैं। यही वजह है कि अनिल अंबानी की कंपनियों ने बीते तीन महीनों में तीन बड़ी डील है। इससे कर्ज का बोझ भी कुछ कम हुआ है। आइए जानते हैं कि जनवरी से मार्च तक अनिल अंबानी ने कहां-कहां अपनी हिस्सेदारी बेची है।

इसी साल जलवरी में खबर आई कि रिलायंस इंफ्रा ने पारबती कोलडैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (PKTCL) में अपनी समूची 74 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री का सौदा पूरा कर लिया है। कंपनी ने PKTCL में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री इंडिया ग्रिड ट्रस्ट (India Grid Trust) को की है। यह सौदा 900 करोड़ रुपये में हुआ था।

रिलायंस इंफ्रा के पास हिमाचल प्रदेश और पंजाब में स्थित PKTCL में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इसी तरह, रिलायंस इंफ्रा ने दिल्ली-आगरा (डीए) टोल रोड क्यूब हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को 3,600 करोड़ रुपये में बेचने की भी प्रक्रिया पूरी कर ली है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने डीए टोल रोड में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी क्यूब हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को 3,600 करोड़ रुपये से अधिक में बेची है।

आर इंफ्रा का नया ऐलान: अब अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आर इंफ्रा) ने मुंबई स्थित रिलायंस सेंटर को बेचने का ऐलान किया है। इसे रिलायंस ने प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक को 1,200 करोड़ रुपये में बेची है। कंपनी ने बताया कि आर इंफ्रा ने मुंबई के सांताक्रजु स्थत रिलायंस सेंटर को यस बैंक को बेचने का सौदा किया है।

रिलांयस सेंटर की बिक्री से प्राप्त पूरी राशि का उपयोग यस बैंक के कर्ज भुगतान में किया जाएगा। इसके साथ आर इंफ्रा के ऊपर यस बैंक का कर्ज 4,000 करोड़ रुपये से घटकर 2,000 करोड़ रुपये रह गया है। आर इंफ्रा 2021 के अंत तक कर्ज मुक्त कंपनी बनने को प्रतिबद्ध है।

निवेशकों ने बनाया पैसा: इस नई खबर के बीच, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेशकों ने शेयर बाजार में जबरदस्त पैसा बनाया है। दरअसल, बीते गुरुवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर भाव करीब 9 फीसदी तक बढ़कर बंद हुआ।

गुरुवार को शेयर भाव 38.15 रुपये के स्तर पर था। इसी तरह, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का मार्केट कैपिटल 1,003 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। आपको बता दें कि शुक्रवार को गुड फ्राइडे की वजह से शेयर बाजार बंद रहे।