अनिल अंबानी कर्ज के जाल से बाहर निकलने की कोशिशों में जुटे हैं। यही वजह है कि अनिल अंबानी की कई कंपनियों की संपत्ति या प्रोजेक्ट्स की बिक्री हो रही है। ताजा मामला रिलांयस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (आर इंफ्रा) से जुड़ा है।
सिंगापुर की कंपनी से हो रही बातचीत: अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर अपनी चार सड़क परियोजनाएं बेचने के लिये सिंगापुर की क्यूब हाईवेज के साथ बातचीत कर रही है। क्यूब हाईवेज अबू धाबी इनवेस्टमेंट ऑथोरिटी की इकाई आई स्क्वैर्ड कैपिटल, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम और जापानी निवेशकों के समूह द्वारा प्रवर्तित है। जापानी निवेशकों में मित्सुबिशी कॉरपोरेशन और जापान ओवरसीज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन शामिल हैं।
कौन से हैं प्रोजेक्ट: मामले की पुष्टि करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि क्यूब हाईवेज ने रिलायंस इंफ्रा की चार सड़क संपत्ति—डीएस टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड, एन के टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड और एसयू टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड (तमिलनाडु) के अलावा जे आर टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड (राजस्थान) खरीदने में रूचि दिखायी है।
इन सड़कों की लंबाई 283 किलोमीटर है और ये परिचालन में हैं। इन सड़कों पर 12 साल तक रियायत अवधि उपलब्ध है। इस संपत्ति का उपक्रम मूल्य 1,430 करोड़ रुपये आंका गया है। आर इंफ्रा बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग कर्ज कम करने में करेगी। (ये पढ़ें—नवीन जिंदल खरीदेंगे अनिल अंबानी की कंपनी को!)
क्यूब हाईवेज के साथ दूसरा प्रोजेक्ट: अगर यह सौदा पूरा होता है, तो यह आर इंफ्रा और क्यूब हाईवेज के बीच दूसरा सौदा होगा। इससे पहले, आर इंफ्रा ने जनवरी में दिल्ली-आगरा टोल रोड पर पूरी हिस्सेदारी क्यूब हाईवेज को 3,600 करोड़ रुपये से अधिक में बेची थी।
बता दें कि अनिल अंबानी की रिलायंस पावर के जरिए करीब 1,500 करोड़ रुपये कम करने में मदद मिलेगी। बता दें कि आंध्र प्रदेश में अपनी समालकोट परियोजना से बिजली उपकरणों का निर्यात बांग्लादेश परियोजना के लिए करना शुरू कर दिया है। इससे कंपनी का कर्ज 1,500 करोड़ रुपये कम होगा।
रिलायंस पावर ने बांग्लादेश परियोजना को गैस आधारित बिजली उपकरण का मॉड्यूल 1 बेचा है। इसकी क्षमता 750 मेगावॉट की है। कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उन उपकरणों का निर्यात समालकोट परियोजना से किया जा रहा है।