वैसे तो अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की रिलायंस होम फाइनेंस को खरीदने के लिए अब तक कुल छह निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन इनमें से भी सिर्फ दो खरीदारों ने नियमों के अनुरूप और बाध्यकारी बोलियां जमा की हैं।
नियमों के अनुरूप और बाध्यकारी बोलियां अमेरिकी की एवेन्यू और एआरसीआईएल से संयुक्त रूप से लगायी है। जबकि दूसरी बोली सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) आथम इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. की है। जबकि चार बोलीदाताओं की बोलियां बाध्यकारी न होने के साथ साथ शर्तों के मुताबिक भी नहीं हैं। कहने का मतलब ये है कि अभी सिर्फ 2 खरीदार बोली लगाने की शर्तों पर सटीक हैं।
इन हालातों में अनिल अंबानी की कंपनी के कर्जदाताओं ने बोली जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 31 जनवरी, 2021 तक करने का निर्णय किया है ताकि शर्तों का अनुपालन नहीं करने वाले बोलीदाताओं को शर्त पूरा कर शामिल होने का मौका मिल सके। हालांकि, बाध्यकारी बोलियां जमा करने वाले दोनों बोलीदाताओं ने इस कदम का विरोध किया है और इस तरह की गैर-पारदर्शी प्रक्रिया से हटने की धमकी दी है।
गैर-बाध्यकारी बोलियां लगाने वाली कंपनियां: कोटक स्पेशल सिचुएंशंस फंड (केएसएसएफ) और एसेट केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज लिमिटेड ने कई शर्तों के साथ गैर-बाध्यकारी बोलियां लगायी हैं। दोनों ने समयसीमा के बाद जांच-पड़ताल के लिये दो महीने का भी समय मांगा है।
दो अन्य बोलीदाताओं भी सशर्त बोलियां लगायी हैं। इनमें संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी इनवेंट और अल्केमिस्ट का नाम है। दोनों ने निविदा के साथ अनिवार्य 10 करोड़ रुपये का बॉन्ड नहीं भरा है। (भाषा से इनपुट)