अमेरिका स्थित प्रॉप-टेक स्टार्टअप फ्रंटडेस्क ने नए साल पर बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है। कथित तौर पर कंपनी ने मंगलवार को दो मिनट की वर्चुअल कॉल के जरिए अपने 200 लोगों को नौकरी से निकाल दिया। छंटनी की सूचना दो मिनट की Google मीट कॉल के माध्यम से कर्मचारियों को दी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रंटडेस्क के सीईओ जेसी डेपिंटो ने कॉल के दौरान कर्मचारियों को कंपनी के फाइनेंसियल स्ट्रगल के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने दिवालियापन विकल्प को लेकर कंपनी की रणनीति का खुलासा किया।

फ्रंटडेस्क का मुख्य काम लीज पर अपार्टमेंट देना है। कंपनी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जेटब्लू वेंचर्स और वेरिटास इन्वेस्टमेंट्स जैसे निवेशकों से लगभग 26 मिलियन डॉलर जुटाने के बावजूद TechCrunch को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है।

फ्रंटडेस्क की स्थापना 2017 में हुई थी पूरे अमेरिका में इसने 1,000 से अधिक अपार्टमेंट को लीज पर दिया है। इसने अपने प्रतिद्वंद्वी ज़ेनसिटी का अधिग्रहण करने के सिर्फ सात महीने बाद छंटनी जैसा कठोर कदम उठाया है। कंपनी को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें संपत्ति के किराये के भुगतान में कठिनाई हो रही थी, जिससे मकान मालिकों के साथ उसके तनावपूर्ण संबंध हो गए थे।

PhysicsWallah भी कर चुकी है छंटनी

इससे पहले भारत की Edtech कंपनी PhysicsWallah ने 120 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी थी। कंपनी ने दिसंबर में एक बयान जारी कर कहा था कि 100 लोगों को परफॉर्मेंस रिव्यू प्रोसेस के बाद कंपनी से निकाला गया है। PhysicsWallah के कुल वर्कफोर्स के 0.8 प्रतिशत पर परफॉर्मेंस के आधार पर किए गए रिव्यू प्रोसेस का असर पड़ेगा। फिलहाल कंपनी में कुल 12000 कर्मचारी हैं। सबसे अहम बात है कि करीब एक साल पहले ही PhysicsWallah यूनिकॉर्न बनी है और WestBridge Capital व GSV Ventures जैसे निवेशकों से 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली।

बता दें कि PhysicsWallah एडटेक यूनिकॉर्न की शुरुआत 2020 में अलख पांडे और प्रतीक माहेश्वरी ने की थी। पिछले कुछ साल से अब तक कई एडटेक कंपनियों ने 10000 से ज्यादा कर्मचारियों को कॉस्ट -कटिंग का हवाला देते हुए बाहर का रास्ता दिखाया है।