ईकॉमर्स कंपनी अमेजॉन के जरिए भारतीय एमएसएमई सेक्टर के उत्पादों का निर्यात दो अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। अमेजॉन ने सोमवार को इसकी शुरुआत की थी, इसके तहत भारतीय कंपनियों को अमेजॉन की 15 वेबसाइट के माध्यम से दुनियाभर में अपने सामान का निर्यात करने का मौका मिलता है। पहले इस कार्यक्रम कुछ ही सेलर्स जुड़े थे, जिनकी संख्या अब 60,000 से अधिक हो चुकी है। इस साल जनवरी में अमेजॉन ने 2025 तक जीएसपी के माध्यम से कुल 10 अरब डॉलर के निर्यात की प्रतिबद्धता जताई थी।
अमेजॉन इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री प्रमुख अमित अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनका डिजिटलीकरण कर अमेजॉन निर्यात को तेज करने और रोजगार निर्माण में अपना योगदान कर रही है। यह देश की समावेशी आर्थिक वृद्धि को सशक्त बनाएगा।
इस बीच केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने अमेजॉन से अपील की है वह ग्रामीण इलाकों में बनने वाले उत्पादों की अलग से सूची तैयार करे ताकि उन्हें वैश्विक स्तर पर बेचा जा सके। उन्होंने कहा कि अमेजॉन को बेहतर डिजाइनिंग और पैकेजिंग के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के शिल्पकारों और एमएसएमई से जुड़े लोगों की मदद करनी चाहिए।
नितिन गडकरी ने कहा, ‘मैं आपसे यह सवाल नहीं पूछना चाहता कि भारत में क्या आयात हो रहा है। मैं आपसे भारतीय कंपनी, क्योंकि आप भारत में बिजनेस कर रहे हैं, के तौर पर यह कहना चाहता हूं कि आप यह देखें कि भारत में आयात होने वाले प्रोडक्ट्स का विकल्प क्या हो सकता है। यह भी एक अच्छा प्रयोग हो सकता है।’ ईकॉमर्स कंपनियों अमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने अपने आयात के आंकड़ों को लेकर जानकारी नहीं दी है। हालांकि स्थानीय कारोबारी संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री का अनुमान है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में बिकने वाले कुल आयातित सामान में 70 फीसदी की हिस्सेदारी चीन से आने वाले सामान की है। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि भारत में आने वाले सामान में कितनी बड़ी हिस्सेदारी है।