सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के पायलट सैलरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ये जानकारी एयर इंडिया पायलटों के संगठन इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने दी है।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे एक पत्र में आईसीपीए ने कहा कि मंत्री ने पूर्व में जो आश्वासन दिए थे, वह मुश्किल के इस समय में पायलटों के प्रति एयर इंडिया प्रबंधन के कथित उदासीन रवैये के खिलाफ ढाल की तरह काम किया। पत्र में लिखा गया, “कोविड-19 महामारी के 12 महीनों से ज्यादा समय के साथ यह हमारे लिए काफी हतोत्साहित करने की बात है कि आपके कार्यालय ने भी हमारी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया।”

क्या है मामला: आपको बता दें कि पिछले साल एयर इंडिया ने महामारी के बीच अपने पायलटों के वेतन में 55 प्रतिशत तक की कटौती की थी। हालांकि पिछले साल दिसंबर में कुल कटौती में पांच प्रतिशत की कमी कर दी गयी, पायलटों को तब भी कोविड से पहले मिलने वाले वेतन की तुलना में वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा ही मिल रहा है।

वैक्सीन लगवाए सरकार: इसके साथ ही एयर इंडिया के पायलटों ने वैक्सीन लगवाने की मांग की है। पायलटों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई गई तो वे काम बंद कर देंगे। आईसीपीए का कहना है कि एयर इंडिया को फ्लाइंग क्रू के लिए पूरे देश में वैक्सीनेशन कैंप आयोजित करना चाहिए। फ्लाइंग क्रू के लिए हेल्थकेयर सपोर्ट और इंश्योरेंस की व्यवस्था नहीं है और उन्हें सैलरी में भारी कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में वैक्सीनेशन के बिना हम अपनी जान जोखिम में डालने की स्थिति में नहीं हैं।

बिक्री प्रक्रिया से गुजर रही एयर इंडिया: आपको बता दें कि एयर इंडिया बिक्री की प्रक्रिया से गुजर रही है। केंद्र सरकार एयर इंडिया की पूर्ण हिस्सेदारी बेच रही है। हाल ही में एयर इंडिया के बिक्री प्रक्रिया को एक बार फिर शुरू किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि एयरलाइनप सितंबर तक निजी हाथों में चली जाएगी।

आपको बता दें कि एयर इंडिया को खरीदने के लिए लगाई गईं शुरुआती बोलियों में टाटा समूह भी शामिल है। पहले भी एयर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह के पास रह चुका है। (ये पढ़ें—Air India को बंद करना या निजीकरण ही आखिरी विकल्प, सरकार ने बताया आगे का प्लान )