Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर धान एवं गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन से तस्वीरें खींचेगा।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंत्रालय को 100 जिलों में धान एवं गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन के जरिये तस्वीरें लेने की अनुमति दे दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी। कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि देश में फसल के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन का यह पहला रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी आधारित सबसे बड़ा पायलट अध्ययन है।
उन्होंने बताया कि पायलट अध्ययन में ड्रोन से खींची गई तस्वीरों के अलावा सैटेलाइट आंकड़ों, बायोफिजिकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग, कृत्रिम मेधा (एआई) का भी इस्तेमाल किया जाएगा। तोमर ने ट्वीट किया, ‘‘पीएमएफबीवाई के तहत दावों के समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए डीजीसीएस ने कृषि मंत्रालय के 100 धान और गेहूं उत्पादक जिलों में ड्रोन उड़ाने की अनुमति दे दी है।’’
बता दें कि बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से जिन किसानों की फसल खराब हो जाती है, वह केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्लेम कर सकते हैं। इस योजना में किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया है कि प्रधानमंत्री किसान निधि के अयोग्य लाभार्थियों को हस्तांतरित राशि का केवल 10 प्रतिशत अब तक बरामद किया गया है।
तोमर के मुताबिक, अब तक लगभग 2327 करोड़ रुपये उन लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं, जो इस योजना के लिए अयोग्य पाए गए थे। इनमें से 231 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।