आने वाले बजट (Budget-2023) में आयात किए जाने वाले कई तरह के सामानों पर कस्टम ड्यूटी में (Custom Duty Hike) वृद्धि का ऐलान किया जा सकता है। सरकार के इस कदम से मेक इन इंडिया (Make In India) मुहिम को मदद मिलेगी और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि आयात को कम करने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार 35 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
35 सामानों पर बढ़ सकती कस्टम ड्यूटी
एक रिपोर्ट के अनुसार प्राइवेट जेट, हेलिकॉप्टर, हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्लास्टिक के सामान, ज्वैलरी, हाई-ग्लॉस पेपर और विटामिन जैसे आइटम पर सरकार कस्टम ड्यूटी को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
सरकार को Custom Duty बढ़ाने वाली सामानों की लिस्ट अलग-अलग मंत्रालयों से मिली है। इस लिस्ट की समीक्षा की गई और फिर सरकार ने 35 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का मन बनाया। बता दें कि इन सामानों के भारत में निर्माण को बढ़ावा देने के लिए इनके आयात को महंगा किया जा रहा है। दिसंबर में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कई मंत्रालयों से उन आयातित गैर-जरूरी सामानों की लिस्ट बनाने के लिए कहा था जिन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है।
सरकार चालू खाते के घाटे को लेकर भी आयात को कम करने की कोशिशों में जुटी हुई है। जुलाई- सितंबर तिमाही में यह 9 महीने के उच्चतम स्तर 4.4 फीसदी पर पहुंच गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार लोकल डिमांड ने जिस तरह से एक्सपोर्ट ग्रोथ को पीछे किया है, उससे अनुमान जताया जा रहा है कि मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट 25 अरब डॉलर प्रति महीना रह सकता है।
भारत की विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
वहीं IMF ने अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) में मंदी की संभावना देख रहा है। IMF के अनुसार अगले वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास (Pierre-Olivier Gourinchas) ने कहा, “अक्टूबर-दिसंबर की बीती तिमाही और जनवरी-मार्च की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी। अगले वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में भारत की GDP में गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी के दर से बढ़ेगी।