केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट (Union Budget 2023-24) होगा। बजट सरकार की कमाई और खर्च का लेखाजोखा होता है। बजट तैयार करने की प्रक्रिया बहुत गोपनीय होती है।
बटज के छपाई में जाने से पहले हवला सेरेमनी किया जाता है। वर्तमान में यह सेरेमनी नॉर्थ ब्लॉक में होता है। इसी ब्लॉक में वित्त मंत्रालय भी है। बजट की छपाई भी नॉर्थ ब्लॉक में ही होती है। हालांकि पहले ऐसा नहीं था। आजादी के बाद बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में हुआ करती थी। सवाल उठता है कि फिर नॉर्थ ब्लॉक में छपाई का सिलसिला कैसे शुरू हुआ?
जब लीक हो गया था बजट
स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले वित्त मंत्री शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया था। स्वतंत्र भारत के दूसरे वित्त मंत्री क्षितिश चंद्र नियोगी थे, उन्होंने 1948 का बजट पेश किया था। इसके बाद वित्त मंत्री बने जॉन मथाई (John Matthai)। वह रिपब्लिक भारत यानी संविधान अपनाने के बाद के भारत के पहले पहले वित्त मंत्री थे।
जॉन मथाई ने दो बार बजट पेश किया था। उन्होंने पहला बजट 1949-50 और दूसरा बजट 1950-51 के लिए पेश था। साल1950-51 के बजट का एक हिस्सा संसद में पहुंचने से पहले ही लीक हो गया था। तब बजट राष्ट्रपति भवन में छपा करता था।
बजट लीक होने से नाराज लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। हंगामा इतना बढ़ गया कि बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री जॉन मथाई को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया। इस्तीफे की दूसरी वजह प्रथम पंचवर्षीय योजना के सदस्य रहे पीसी महालनोबिस के साथ खराब हुए संबंध को भी माना जाता है।
लीक की घटना के बाद बजट छपाई का स्थान बदल दिया गया। बजट की छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड पर होने लगी। हालांकि साल 1980 में स्थान फिर बदला और बजट छपाई मशीन नॉर्थ ब्लॉक में लगाने का फैसला हुआ। तब से अब तक बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक में ही हो रही है।
रिपब्लिक इंडिया के पहले बजट में क्या था?
पहले बजट के हाईलाइट में योजना आयोग का गठन और पंचवर्षीय योजना तैयार करना था। तत्कालीन वित्त मंत्री मथाई ने बजट भाषण में पूरी जानकारी नहीं पढ़ी थी। उन्होंने पहले तो बजट पेश करते हुए एक साधारण भाषण दिया। इसके बाद पूरी डिटेल्स के साथ व्हाइट पेपर बांटा गया।